जगदीशपुर। सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के तहत मध्य विद्यालय जगदीशपुर में छात्रों को आपदा से बचाव के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान आपदा मित्र के प्रशिक्षकों ने बच्चों को वर्षा ऋतु में होने वाली आकस्मिक आपदाओं से बचाव की विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से वज्रपात से बचाव और नदी या गहरे पानी में डूबने से संबंधित आवश्यक सावधानियों पर विशेष ध्यान दिया गया।
कार्यक्रम में आपदा मित्र मुनिलाल साह, मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी, तुलसी यादव और अल्ताफ अंसारी ने बच्चों को सरल भाषा में बताया कि किस प्रकार अचानक मौसम खराब होने पर, खासकर तेज आंधी और बारिश के समय खुले स्थानों और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचना चाहिए। साथ ही, उन्होंने छात्रों को बताया कि वज्रपात के समय मोबाइल फोन का प्रयोग, बिजली के खंभों, तारों या लोहे के सामान के संपर्क में आने से कैसे बचना चाहिए।

प्रशिक्षण में कराया गया व्यावहारिक अभ्यास
केवल जानकारी देने तक ही यह प्रशिक्षण सीमित नहीं रहा, बल्कि सभी बच्चों को मैदान में सुरक्षित रहने के लिए अभ्यास भी कराया गया। प्रशिक्षकों ने बच्चों को बताया कि यदि बारिश के समय खुले में फंस जाएं, तो दोनों पैरों को जोड़कर नीचे बैठ जाएं और शरीर को जमीन से कम से कम संपर्क में रखें, जिससे वज्रपात का खतरा कम हो जाता है। इसी प्रकार, उन्होंने बच्चों को जल स्रोतों के पास न जाने, नदी में नहाने से पूर्व गहराई और पानी के बहाव की जानकारी लेने, और तैराकी के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करने का महत्व बताया।
प्रधानाध्यापक ने बताई बचाव प्रशिक्षण की महत्ता
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशुतोष चंद्र मिश्र ने कहा कि वर्षा ऋतु में आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों को इनके बारे में जागरूक करना और आवश्यक प्रशिक्षण देना अति आवश्यक है ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे घबराने के बजाय सुरक्षित रहने के उपाय कर सकें। उन्होंने कहा कि विद्यालय में सुरक्षित शनिवार के तहत समय-समय पर आपदा प्रबंधन और प्राथमिक उपचार का अभ्यास कराया जाएगा, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अपने परिवार और समाज के अन्य लोगों को भी आपदा के समय सुरक्षित रहने के तरीके बता सकेंगे।
सुरक्षित शनिवार पर बच्चों में दिखा उत्साह
प्रशिक्षण के दौरान बच्चों में काफी उत्साह देखा गया। बच्चों ने प्रशिक्षकों से प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने आपदा प्रबंधन के दौरान उपयोगी उपायों को नोट भी किया, ताकि संकट के समय उन उपायों का प्रयोग कर सकें। प्रशिक्षकों ने बच्चों को स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी आपदा हेल्पलाइन नंबर और प्राथमिक उपचार की जानकारी भी दी, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत मदद ली जा सके।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाध्यापक ने प्रशिक्षकों का धन्यवाद किया और कहा कि विद्यालय प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। इसके साथ ही, विद्यालय परिसर में आपदा प्रबंधन से जुड़ी पोस्टर और जानकारी दीवारों पर लगाने की योजना बनाई गई है ताकि बच्चों को बार-बार सुरक्षा नियम याद रहे।
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