सहरसा, बिहार – जिले के जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने आज महिषी प्रखंड के बलुआहा और नौहट्टा प्रखंड स्थित एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) केंद्रों का गहन निरीक्षण किया। यह निरीक्षण मानसून से पहले आपदा प्रबंधन की तैयारियों का आकलन करने के उद्देश्य से किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी उपलब्ध राहत उपकरणों जैसे नाव, मोटरबोट, इंजन, रस्सियां, और लाइफ जैकेट्स की स्थिति की गहराई से जांच की और उनकी कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया।
निरीक्षण के दौरान डीएम वैभव चौधरी ने संबंधित अधिकारियों और आपदा प्रबंधन से जुड़े कर्मियों को यह निर्देश दिया कि सभी उपकरण पूरी तरह से क्रियाशील और तैयार हालत में रहें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति, विशेष रूप से बाढ़ के दौरान, राहत और बचाव कार्यों में देरी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए एसडीआरएफ की टीमों को लगातार अलर्ट मोड में रहने की आवश्यकता है।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “केवल बाढ़ ही नहीं, बल्कि अन्य संभावित आपदाएं जैसे भूकंप, सूखा, तूफान या अग्निकांड जैसी घटनाओं के लिए भी हमें हर समय तैयार रहना होगा। हमारी जिम्मेदारी केवल आपदा के समय मदद करना नहीं, बल्कि उससे पहले पूरी तैयारी रखना भी है।” उन्होंने केंद्रों में उपकरणों के नियमित रख-रखाव और कर्मियों को समय-समय पर प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने नावों के इंजन स्टार्ट करवा कर उनकी क्षमता का परीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि किसी भी परिस्थिति में वे तुरंत संचालन के लिए तैयार हों। मोटरबोट्स की स्थिति की भी बारीकी से जांच की गई और जरूरत पड़ने पर उनके नवीनीकरण अथवा मरम्मत के निर्देश दिए गए।
इसके साथ ही, वैभव चौधरी ने बलुआहा स्थित आयुष्मान भारत केंद्र का भी निरीक्षण किया। इस केंद्र पर उन्होंने आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) की प्रगति की समीक्षा की और वहां उपस्थित कर्मियों से योजना के संचालन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह योजना आम नागरिकों के लिए वरदान है, जिसके माध्यम से प्रत्येक पात्र परिवार को सालाना ₹5 लाख तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है।
डीएम ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना के लाभ से जोड़ने के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि “अब भी कई ऐसे लोग हैं जो इस योजना के लाभ से वंचित हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने अपना आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर जरूरतमंद तक इस योजना की जानकारी पहुँचाएं और उन्हें इसका लाभ दिलाएं।”
आम लोगों से अपील करते हुए डीएम ने कहा, “मैं सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में जाकर निःशुल्क आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाएं। यह एक छोटा सा कदम है, लेकिन संकट के समय यह जीवन रक्षक साबित हो सकता है।”
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कर्मियों से बातचीत की और उनकी समस्याएं भी सुनीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रशासन की ओर से उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन को एक कुशल और सक्रिय प्रणाली के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें समय की मांग के अनुसार संसाधनों को अपडेट किया जा रहा है।
डीएम वैभव चौधरी की यह सक्रियता आपदा प्रबंधन और जनकल्याण योजनाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस प्रकार के निरीक्षण न केवल प्रशासनिक चुस्ती को दर्शाते हैं, बल्कि आम लोगों में भरोसा भी बढ़ाते हैं कि संकट की घड़ी में प्रशासन उनके साथ खड़ा है।
जिले में लगातार हो रही इन तैयारियों से स्पष्ट है कि सहरसा प्रशासन बाढ़ सहित अन्य आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है और हर स्तर पर ठोस कदम उठा रहा है। साथ ही, जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल तक पहुँचाने के लिए भी प्रशासन पूरी तरह संकल्पित है।
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें