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भागलपुर, 30 मई 2025: आत्मनिर्भर कृषि योजना (आत्मा) के अंतर्गत आज भागलपुर जिला में एक अहम समीक्षा बैठक का आयोजन उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया। यह बैठक समाहरणालय परिसर स्थित उप विकास आयुक्त के कार्यालय में सम्पन्न हुई, जिसमें जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारी, खासकर पशुपालन और मत्स्य विभाग से जुड़े पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य आत्मा योजना के अंतर्गत वर्षभर किए गए कार्यों की समीक्षा करना और आगामी योजनाओं को लेकर विस्तृत रणनीति तैयार करना था।

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बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों में जिला पशुपालन पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी, कृषि विभाग से संबंधित अधिकारी, आत्मा योजना से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ, प्रखंड कृषि पदाधिकारी और विभिन्न पंचायत स्तर के कृषि समन्वयक प्रमुख रूप से उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपनी-अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और आगामी कार्य योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह ने बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि आत्मा योजना केंद्र और राज्य सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना, कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित किया जाए ताकि लाभार्थियों तक योजना का लाभ प्रभावी रूप से पहुंच सके।

**पशुपालन और मत्स्य पालन पर विशेष जोर**

बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त ने विशेष रूप से पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्रों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में संभावनाएं अपार हैं और आत्मा योजना के माध्यम से इन क्षेत्रों में निवेश और प्रशिक्षण देकर किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन से भी जुड़े हुए हैं, लेकिन सही मार्गदर्शन और संसाधनों की कमी के कारण उन्हें अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है।

प्रदीप कुमार सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया जाए। इसके लिए विभागों के बीच आपसी समन्वय को बेहतर करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सभी विभाग एकजुट होकर कार्य करें तो आत्मा योजना के तहत जिले में एक नया कृषि मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

**योजनाओं की समीक्षा और चुनौतियाँ**

बैठक में बीते एक वर्ष में आत्मा योजना के तहत किए गए कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कई किसानों को उन्नत बीज, कृषि यंत्र, मत्स्य बीज और पशुओं के टीकाकरण की सुविधा प्रदान की गई है। इसके साथ ही किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम, कृषक भ्रमण और फसल प्रदर्शन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

हालांकि, बैठक में यह भी सामने आया कि कुछ क्षेत्रों में योजनाओं का क्रियान्वयन अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाया है। इसके लिए जन जागरूकता की कमी, विभागों के बीच समन्वय की चुनौती और फील्ड स्तर पर संसाधनों की अनुपलब्धता को जिम्मेदार ठहराया गया। उप विकास आयुक्त ने इन समस्याओं को गंभीरता से लिया और त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

**आगामी योजनाएं और रोडमैप**

बैठक के अंत में आगामी महीनों के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार की गई। इसके अंतर्गत विशेष प्रशिक्षण शिविर, महिला किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम, जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजना और कृषि आधारित स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने की दिशा में कार्य करने का निर्णय लिया गया।

साथ ही यह भी तय किया गया कि प्रत्येक प्रखंड में एक “आदर्श कृषि पंचायत” का चयन किया जाएगा, जहाँ आत्मा योजना के तहत सभी योजनाओं को समेकित रूप से लागू किया जाएगा और इसे एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

प्रदीप कुमार सिंह ने अंत में कहा, “आत्मा योजना केवल कृषि विकास की योजना नहीं है, बल्कि यह किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का एक समर्पित प्रयास है। हम सबका यह दायित्व है कि हम मिलकर इस लक्ष्य की प्राप्ति करें और भागलपुर को आत्मनिर्भर कृषि क्षेत्र के रूप में स्थापित करें।”

**कृषकों की भागीदारी पर भी ज़ोर**

बैठक में यह बात भी प्रमुखता से उठाई गई कि आत्मा योजना की सफलता के लिए किसानों की सक्रिय भागीदारी बेहद आवश्यक है। अधिकारियों से कहा गया कि वे गांव-गांव जाकर किसानों को योजनाओं की जानकारी दें, उनकी समस्याओं को सुनें और यथासंभव समाधान करें।

इस अवसर पर कुछ कृषकों द्वारा आत्मा योजना के अंतर्गत प्राप्त लाभों की भी सराहना की गई। उन्होंने बताया कि योजना से न केवल उनकी खेती में सुधार हुआ है, बल्कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सकारात्मक परिवर्तन आया है।

**निष्कर्ष**

भागलपुर में आयोजित इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिला कि जिला प्रशासन आत्मा योजना को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। उप विकास आयुक्त द्वारा दिए गए स्पष्ट दिशा-निर्देशों और विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर बल देने से आने वाले समय में योजनाओं के क्रियान्वयन में और भी गति आएगी। यदि सभी विभाग मिलकर तय रणनीति के अनुसार कार्य करें, तो निश्चित ही भागलपुर आत्मनिर्भर कृषि के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम कर सकता है।

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By admin

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