भागलपुर के सदर अस्पताल का DM डॉ नवल किशोर चौधरी ने संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया। डीएम सबसे पहले ओपीडी, पैथोलॉजी जांच घर, निबंध काउंटर, दवा स्टोर रूम, शिशु एवं महिला वार्ड सहित सभी फैकल्टी का गहन निरीक्षण करने पहुंचे उसके बाद अस्पताल में आए मरीजों से फीडबैक भी लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों से निबंधित मरीज के प्रिस्क्रिप्शन (पुर्जा) पर ओपीडी में चिकित्सक के द्वारा जितने प्रकार की जांच लिखी जाती है।
क्या वह सभी जांच होता होती है। इसके लिए क्या व्यवस्था की गई है? इसको लेकर जानकारी भी ली। इस संबंध में बताया गया कि अस्पताल के गेट पर मरीजों के पुर्जा की जांच की जाती है और देखा जाता है कि सभी प्रकार की जांच की गई है या नहीं उन पर टिक लगाया जाता है। DM ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हरे रंग के कलम से ही टिक लगाए, और यह ध्यान रखे कि वे सभी जांच कराने के बाद ही अस्पताल से बाहर जाएं। एक भी जांच बिना कराए बाहर न जाएं।
ओपीडी के चिकित्सकों से भी ली जानकारी —
DM ने ओपीडी में चिकित्सकों से जानकारी ली कि प्रति दिन कितने मरीज की जांच की जाती है। उपस्थित चिकित्सकों द्वारा DM को बताया गया की 100 से 150 मरीजों की जांच प्रतिदिन की जाती है। चिकित्सकों ने डीएम से कहा कि जांच के लिए यहां जगह कम है। इसपर जिलाधिकारी ने बताया कि 15 दिसंबर तक नए भवन में ओपीडी स्थानांतरित हो जाएगा पैथोलॉजी जांच घर निरीक्षण के दौरान बाहर प्रतीक्षा में कुर्सी पर बैठी हुई महिलाओं से उन्होंने फीडबैक लिया तो महिलाओं ने बताया कि यहां लाइन से काम होता है।
कहीं भी पैसा नहीं लिया जाता है। मात्र निबंधन काउंटर पर ही 2 रुपया लिया जाता है। पुर्जा बनाने का।पैथोलॉजी सेंटर में उन्होंने संस्थापित ऑटोमेटिक जांच मशीनों के संबंध में चिकित्सकों से जानकारी प्राप्त की।चिकित्सकों को DM ने निर्देशित किया की वैसी जांच रिपोर्ट जो मरीज के लिए अलार्मिंग (गंभीरता की सूचक) हो उसे लाल रंग से हाईलाइट करते हुए रिपोर्ट दें, ताकि मरीज उस संबंध में सचेत हो सके।