पुश्तैनी जमीन के दाखिल-खारिज में मांगी थी 45 हजार की रिश्वत
यह मामला पीरो के हसनबाजार थाना क्षेत्र के वैसाडीह गांव का है। शिकायतकर्ता महावीर उपाध्याय ने अपनी पुश्तैनी 165.5 डिसमिल जमीन के दाखिल-खारिज और ऑनलाइन परिमार्जन के लिए आवेदन किया था। इसमें से 128.5 डिसमिल जमीन का रसीद पहले ही कट चुका था, लेकिन शेष जमीन के दस्तावेज पूरे कराने के नाम पर राजस्व कर्मचारी राजा कुमार दास ने उनसे 45 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर दी। लगातार रिश्वत की मांग और काम में अनावश्यक देरी से परेशान होकर महावीर उपाध्याय ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना से संपर्क किया।

निगरानी ब्यूरो में शिकायत के बाद बनी योजना
महावीर उपाध्याय ने 8 जुलाई 2025 को पटना स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ब्यूरो ने तुरंत इसकी जांच शुरू कर दी। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने एक विशेष टीम का गठन किया। पूर्व नियोजित रणनीति के तहत गुरुवार को टीम ने पीरो अंचल कार्यालय में छापेमारी की योजना बनाई ताकि आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा जा सके।
रिश्वत लेते ही टीम ने दबोचा, कार्यालय में मचा हड़कंप
गुरुवार को जैसे ही महावीर उपाध्याय ने आरोपी कर्मचारी को 20 हजार रुपये की राशि सौंपी, निगरानी ब्यूरो की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राजा कुमार दास को पकड़ लिया। छापेमारी के दौरान रिश्वत की पूरी राशि भी बरामद कर ली गई। इस कार्रवाई के बाद अंचल कार्यालय में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों और सेवा प्राप्त करने आए लोगों के बीच चर्चा का माहौल बन गया और लोग निगरानी टीम की कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत कदम बता रहे थे।
आरोपी को पटना ले जाकर पूछताछ शुरू
गिरफ्तारी के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने आरोपी को पटना ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ के दौरान उससे अन्य मामलों में रिश्वत लेने की जानकारी भी ली जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने अब तक कितने लोगों से अवैध रूप से धन की उगाही की है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि पीरो अंचल कार्यालय के अन्य कर्मचारी इसमें कहीं संलिप्त तो नहीं हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश
निगरानी ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि भोजपुर जिले में राजस्व व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी और रिश्वतखोरी की शिकायतें लंबे समय से आ रही थीं। इस कार्रवाई के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मियों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि रिश्वत लेकर काम करना अब सुरक्षित नहीं रहा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए निगरानी ब्यूरो लगातार सक्रिय है और आम जनता को बेझिझक शिकायत दर्ज करानी चाहिए ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।
जिले में भ्रष्टाचार की लगातार मिल रही शिकायतें
भोजपुर जिले में दाखिल-खारिज, जमीन परिमार्जन, नक्शा सत्यापन, म्यूटेशन और अन्य भूमि संबंधी कार्यों में रिश्वत मांगे जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। कई लोग चुपचाप रिश्वत देकर काम करा लेते हैं, जिससे भ्रष्ट कर्मचारियों का हौसला बढ़ता है। लेकिन हाल के दिनों में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाईयों ने भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मियों की नींद उड़ा दी है।
जनता को भी आगे आने की जरूरत
भ्रष्टाचार को समाप्त करने में केवल सरकारी तंत्र ही नहीं, बल्कि आम जनता की भागीदारी भी जरूरी है। पीरो अंचल कार्यालय की यह घटना इसका उदाहरण है कि यदि लोग आवाज उठाकर निगरानी ब्यूरो से संपर्क करें तो भ्रष्टाचार पर प्रभावी तरीके से कार्रवाई संभव है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने एक बार फिर साफ किया है कि किसी भी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी ताकि जनता के अधिकार सुरक्षित रह सकें।
निगरानी टीम की सक्रियता बनी चर्चा
गुरुवार को पूरे दिन भोजपुर जिले में निगरानी ब्यूरो की इस कार्रवाई की चर्चा रही। लोग यह कहते नजर आए कि ऐसे कदम उठाए जाने से राजस्व कार्यालयों में बैठे कर्मचारियों में डर का माहौल बनेगा और जनता को अनावश्यक परेशान कर रिश्वत मांगने की प्रथा पर अंकुश लगेगा।
आगे होगी विस्तृत जांच
पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद इस बात की भी जांच की जाएगी कि कितने अन्य मामलों में उसने लोगों से रिश्वत ली है और किस स्तर पर धन का वितरण किया गया। साथ ही, अंचल कार्यालय में अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता और मनी ट्रेल को भी खंगाला जाएगा ताकि इस कड़ी को जड़ से समाप्त किया जा सके।
निष्कर्ष
भोजपुर जिले के पीरो अंचल कार्यालय में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा संदेश है। इस कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई भी कर्मचारी रिश्वत लेता है, तो वह अब निगरानी टीम की निगरानी में है। यह कदम भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। निगरानी ब्यूरो की टीम ने जिस तत्परता और सटीकता से इस मामले में कार्रवाई की, वह अन्य जिलों के राजस्व कार्यालयों और अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए भी चेतावनी है कि रिश्वत लेकर काम करना अब उनके लिए सुरक्षित विकल्प नहीं है।
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