पलामू जिले में जमीन विवाद का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन और शिक्षा विभाग दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अक्सर परिवारों में जमीन को लेकर झगड़े होते रहते हैं, लेकिन इस बार विवाद का केंद्र एक सरकारी स्कूल बन गया। मामला बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के चोरटिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है, जहां बड़े भाई ने सरकारी स्कूल में घुसकर बच्चों को कक्षा से बाहर निकाल दिया।
जानकारी के अनुसार, कई साल पहले छोटे भाई ने अपने गांव में शिक्षा के प्रसार के लिए एक नेक कदम उठाया था। उसने अपनी पुश्तैनी जमीन का एक हिस्सा सरकारी स्कूल भवन निर्माण के लिए दान कर दिया था। सरकार ने उस जमीन पर स्कूल भवन बनवाया और वर्षों से वहां सैकड़ों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल गांव में शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया था, लेकिन अब उसी जमीन पर विवाद छिड़ गया है।
कई वर्षों से बाहर रह रहे बड़े भाई के गांव लौटने के बाद यह विवाद शुरू हुआ। लौटने के बाद उसने छोटे भाई से जमीन में हिस्सेदारी की मांग की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने सीधे स्कूल का रुख कर लिया। शुक्रवार को वह गुस्से में स्कूल पहुंचा और वहां चल रही कक्षाओं में घुसकर बच्चों को डांटने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उसने बच्चों को डराकर कक्षा से बाहर निकाल दिया और कहा कि “यह जमीन मेरी है, यहां कोई पढ़ाई नहीं होगी।”
बच्चों में भय और अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। शिक्षक और ग्रामीण जब तक कुछ समझ पाते, आरोपी ने पूरे स्कूल में हंगामा मचा दिया। घटना की जानकारी मिलते ही बिश्रामपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में लेकर थाने ले गई। पुलिस ने बताया कि फिलहाल आरोपी से पूछताछ चल रही है, लेकिन अब तक स्कूल प्रशासन या शिक्षा विभाग की ओर से कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
पुलिस ने स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से आवेदन देने का अनुरोध किया है, ताकि कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सके। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि बड़े भाई का कहना है कि उसे दान की प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी और छोटे भाई ने उसकी हिस्सेदारी वाली जमीन स्कूल को दे दी। इसी नाराजगी में उसने स्कूल में हंगामा कर दिया।
इस घटना से संबंधित एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें आरोपी स्कूल परिसर में गुस्से में बच्चों को बाहर निकालते नजर आ रहा है। पुलिस वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है। वहीं, गांव के लोगों ने इस घटना की निंदा की है और प्रशासन से अपील की है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि बच्चों में डर का माहौल है और कई छात्र घटना के बाद स्कूल आने से हिचकिचा रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि स्कूल की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और जल्द ही विवाद को सुलझाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
यह मामला सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि शिक्षा के अधिकार और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा का भी सवाल बन गया है। एक भाई का दान जहां समाज के लिए प्रेरणा था, वहीं दूसरे भाई की हरकत ने पूरे गांव में शिक्षा व्यवस्था को संकट में डाल दिया है।
