अग्निपथ स्कीम के तहत इस साल कुल 46,000 अग्निवीरों की भर्ती जाएगी. इसमें सेना के लिए 40,000 और IAF-नेवी के लिए 3000-3000 भर्तियां होंगी.

अग्निपथ स्कीम को लेकर देश के कुछ हिस्सों में जमकर बवाल हुआ. खासकर रेलवे को नुकसान पहुंचाया गया. प्रर्दशनकारियों का कहना था कि इस योजना से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा. चार साल की नौकरी के बाद क्या करेंगे? लेकिन सरकार का कहना है कि इससे सेना में बड़ा बदलाव आने वाला है, और भविष्य के भारत को ध्यान में लेकर फैसला लिया गया है. 

सरकार का तर्क है कि इस स्कीम को केवल ये कहकर नहीं खारिज कर सकते हैं कि इसमें सिर्फ 4 साल तक देश सेवा का मौका मिलेगा. सरकारी दावों को मानें तो इस स्कीम को इस तरह से फ्रेम किया गया है कि इससे युवाओं में देश को लेकर प्रेम और बढ़ेगा. 

गेमचेंजर स्कीम?

अग्निपथ स्कीम को सरकार ने गेम चेंजर भी बताया है. अब तक मिली जानकारी के अनुसान विरोध को दरकिनार कर दें तो इस स्कीम को लेकर युवाओं में भारी जोश है. सरकार ने 14 जून को ऐलान किया था कि इस साल अग्रिपथ योजना के तहत 46,000 अग्निवीरों की भर्ती जाएगी. इसमें सेना के लिए 40,000 और IAF-नेवी के लिए 3000-3000 भर्तियां होंगी. 

युवाओं में अग्निवीर बनने को लेकर जोश

सबसे पहले अग्निपथ स्कीम के तहत भारतीय वायुसेना की ओर से रिक्तियां निकाली गईं. जिसके लिए रिकॉर्ड 7.5 लाख ऑनलाइन आवेदन मिले हैं. वहीं, सेना और नेवी के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया अभी चल रही है. भारतीय सेना अगले महीने से अग्निपथ योजना के तहत यूपी में बड़ी भर्ती रैलियां आयोजित करेगी. ऐसे में अगले कुछ महीनों में पूरे देश के इच्छुक युवाओं को अग्निवीर बनने का मौका मिलने वाला है. 

बता दें, ‘अग्निपथ योजना’ के तहत आर्मी नेवी और एयरफोर्स में जवानों की भर्तियां होंगी. इनका रैंक मौजूदा रैंक से अलग होगा और ये ‘अग्निवीर’ कहलाएंगे. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध को देखते हुए सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को इस साल के लिए बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है. 

इस बीच जिस तरह से युवाओं में अग्निवीर बनने को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, उससे सबसे पहले उनमें देश प्रेम झलकता है. लेकिन इस बीच सवाल ये भी उठता है कि चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीर क्या लेकर घर लौटेंगे. क्या इन चार वर्षों में जमा राशि से भविष्य के रास्ते तलाशे जा सकते हैं? क्या चार साल की नौकरी के दौरान और उसके बाद एकमुश्त मिलने वाली राशि काफी है? 

दरअसल, अग्निवीर को जो सैलरी दी जाएगी, वो रेगुलर सैन्यकर्मियों से कम है. लेकिन देश में बढ़ती बेरोजगारी के परिपेक्ष्य में देखें तो ठीक-ठाक है. 4 साल की नौकरी में वेतन से लेकर रिटायरमेंट को जोड़ दें तो कुल 23 लाख 43 हजार 160 रुपये मिलेंगे. 

अग्निपथ स्कीम के फायदे चार साल की नौकरी में अग्निवीर को पहले साल 30,000 रुपये महीन सैलरी मिलेगी. दूसरे साल में हर माह 33,000 रुपये, तीसरे साल में 36,500 रुपये और चौथे साल 40,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी. इस सैलरी में से हर महीने 30 फीसद अमाउंट कटेगा और इतनी ही राशि सरकार भी इसमें जोड़ेगी. जिसे आप रिटायरमेंट फंड कह सकते हैं. 

सैलरी के अलावा रिस्क और हार्डशिप अलाउंस, राशन अलाउंस, ड्रेस और ट्रैवल अलाउंस मिलेगा. सामान्य भाषा में कहें तो खाना-पीना, इलाज और रहना सब फ्री रहेगा.  रिटायरमेंट फंड काटकर अकाउंट में डिपॉजिट होगी इतनी राशि… 

यानी नौकरी के दौरान 4 साल में एक अग्निवीर को कुल 11,72,160 रुपये सैलरी मिलेगी. चार साल की सेवा के बाद फिर रिटायरमेंट फंड के तौर पर एकमुश्त 11,72,160 रुपये मिलेंगे. कुल मिलाकर चार की नौकरी में वेतन और रिटायरमेंट के तौर 23 लाख 43 हजार 160 रुपये मिलेंगे. इस पैसे पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. इसमें आधा योगदान अग्निवीर का रहेगा, और आधा सरकार देगी. 

सरकार का तर्क है कि अग्निवीर को सुविधाएं रेगुलर सैनिक की तरह ही मिलेंगी. इसलिए वे चाहें तो सैलरी के तौर पर मिलने वाली राशि को भी बचा सकते हैं. इस पैसे से वो हायर एजुकेशन समेत अपना बिजनेस खड़ा कर सकते हैं. 

4 साल की नौकरी के बाद ये विकल्प   इसके अलावा सरकार का कहना है कि अधिकतर युवा 12वीं के बाद स्किल ट्रेनिंग लेते हैं या हायर एजुकेशन लेते हैं और फिर जॉब ढूंढते हैं. हम युवाओं को एक साथ तीन मौका दे रहे हैं. उन्हें अच्छी सैलरी मिलेगी, चार साल में अच्छा बैंक बैलेंस हो जाएगा. साथ ही जॉब के दौरान उन्हें स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी. 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत उन्हें जो भी फॉर्मल ट्रेनिंग दी जाएगी, उसका क्रेडिट पॉइंट उन्हें मिलेगा. उससे वे चार साल बाद हायर एजुकेशन ले सकते हैं. वे चार साल सेना में रहकर ज्यादा आत्मविश्वास के साथ बाहर जाएंगे. 

नौकरी के साथ पढ़ाई भी

इन अग्निवीरों में से ही अधिकतम 25 फीसदी को फिर बाद में परमानेंट होने का मौका दिया जाएगा. यानी 4 में से एक अग्निवीर को पक्की नौकरी मिलेगी. सरकार की मानें तो 4 साल आर्मी में रहकर लौटा युवा दूसरों की अपेक्षा नौकरी पाने के लिए ज्यादा योग्य होगा. 4 साल में अग्निवीरों के लिए ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स होगा. ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स की मान्यता देश विदेश में होगी. 

सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि मिलेगी. साथ ही अग्निवीर की बची हुई सेवा की सैलरी भी परिवार को मिलेगी. वहीं अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान अपंग हो जाता है तो उसे 44 लाख की राशि दी जाएगी और बाकी बची सेवा की सैलरी भी मिलेगी.

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