मामले में डीएम सुब्रत सेन ने जांच के आदेश दिए हैं। विधवा का आरोप है कि सरकारी राशि के बंदरबांट के चलते ही पति की मौत हो गई। उसने तीन को आरोपित किया है। तीनों पर पति को मार डालने का आरोप लगाया है।

भागलपुर: सबौर प्रखंड अंतर्गत फरका पंचायत के वार्ड पांच के पूर्व वार्ड सदस्य रामानंद प्रसाद की मौत हार्ट अटैक से 26 जुलाई को हो गइ थी। मौत के तकरीबन दो माह बाद उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी ने शुक्रवार को डीएम को आवेदन देकर मौत का कारण आर्थिक तंगहाली के बीच प्रताड़ना बताई है। आवेदन में उन्होंने यह आरोप लगाया है कि वार्ड में जल-नल योजना में सरकारी राशि का बंदर बांट हुआ है। वार्ड सदस्य वित्तीय वर्ष 2021-22 में जल-नल योजना का काम किया था जो पूर्ण कर लिया था। लेकिन काम करने के बाद भी पंचायत से राशि नहीं मिली। योजना में काम करने वाले लेबर और निर्माण सामग्री वाले बार बार पैसा मांगने आते थे। मेरे पति टेंशन में आ गये और हार्ट अटैक हो गया।

पीड़िता ने आवेदन में कहा है कि पंचायत सचिव सरला कुमारी, तकनीकी सहायक आरती कुमारी और मुखिया राजेन्दर प्रसाद मंडल ने एक सादे कागज पर साइन करा कर मुझे एक लाख 42 हजार रुपये दे दिए। तीनों ने मिलकर एक लाख 58 हजार का बंदर बांट कर लिया। कमीशन के लिए इन तीनों मिलकर मेरे पति को मार डाला है। बची शेष राशि देने के साथ दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है। इस संदर्भ में बीडीओ प्रतीक राज ने कहा की डीएम द्वारा जांच करने का आदेश मिला है।

ऐसे संचालित होती जल नल योजना

डीएम ने कहा कि जल नल योजना की राशि पंचायत द्वारा वार्ड सदस्य के ही खाते में जाती है और वार्ड सदस्य कार्यकारी एजेंसी से काम कराता है। वह स्वयं राशि निकासी का कस्टोडियन होता है। यहां यह बता दें कि नियम तो यही है लेकिन सच यह है कि पंचायत अपने सुविधानुसार राशि देती है, साथ ही अधिकतर जगहों पर वार्ड सदस्य ही काम कराता है। कार्यकारी एजेंसी कागज पर होती है।

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