जब मोहब्बत परवान पर होता तो सरहदें रोका नहीं करती ऐसा ही एक मामला नवादा में देखने को मिला जहा जर्मनी की प्रेमिका ने नवादा पहुंचकर अपने प्रेमी से शादी रचा ली , यह नजारा देखकर लोग दंग रह गए. जर्मनी की शोध छात्रा लारिसा बैल्ज ने अपने बिहारी प्रेमी सत्येंद्र कुमार के साथ हिंदू विधि विधान के साथ शादी रचाई है. सतेन्द्र नवादा जिले के नरहट प्रखंड के बेरोटा के निवासी है।जबकि उनकी पत्नी बनी लारिसा जर्मन हैं।

दोनों स्वीडन में साथ – साथ शोध करते थे। जर्मनी में पली बढ़ी लारीसा को न तो हिंदी आती है और ना ही वह विधि – विधान जानती हैं। लेकिन जब विवाह समारोह शुरू हुआ तो उसने वह सारी रस्में निभाई जो एक हिंदू कन्या करती है। हल्दी का उबटन लगाया , पानी ग्रहण से लेकर वर पूजन तक सब रस्में हुई । सिंदूरदान के बाद लारिसा बैल्ज सुहागन बन गई। लारीसा अपनी शादी के लिए स्पेशल बीजा ।

लेकर इंडिया आई है। उनके माता – पिता को बीजा नहीं मिल पाया इसके चलते वह शादी में शरीक नहीं हो पाए , जबकि सत्येंद्र की पूरी फैमिली और गांव वाले भी इस शादी के गवाह बने राजगीर स्थित एक होटल में शादी की सारी रस्में अदा की गई।
लारिसा ने बताया कि हम 2019 से सतेन्द्र से प्यार करते है तीन साल बाद इंडिया आकर यहीं शादी करने का भी मैने ही प्लान बनाया। उन्होंने बताया कि वो यहां की लाइफ एन्जॉय करने आई है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। यहां के कल्चर और मेरे कल्चर में बहुत अंतर है। लेकिन प्यार बड़ी चीज है मैं यहा की भाषा नहीं समझ सकती बस कुछ शब्द ही समझ पाती हूं लेकिन मेरे हस्बैंड ट्रांसलेट करके समझाने की कोशिश करते हैं ।
जर्मन महिला से शादी रचाने वाले सत्येंद्र ने बताया कि वे कैंसर पर शोध करने के लिए स्वीडन गए थे। जबकि लारिसा बेंज कैंसर पर रिसर्च कर रही थी । इसी दौरान 2019 में दोनों करीब आए। दोनों के बीच बाते शुरू हुई और फिर प्यार हो गया।प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी करने का मन बनाया। बीच में कोरोना काल के चलते थोड़ी देर हुई जब हालत सामान्य हुआ तो दोनों ने शादी की है।

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