भागलपुर जिले के नारायणपुर प्रखंड से एक दिलचस्प और मानवीय संवेदना से जुड़ा मामला सामने आया है। नारायणपुर गांव की एक बुजुर्ग महिला मदीना खातून अपनी बकरी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नारायणपुर पहुंच गई। महिला का कहना था कि उसकी बकरी को एक कुत्ते ने काट लिया है और वह उसे इंजेक्शन दिलवाने के लिए अस्पताल लाई है।

महिला की इस मासूमियत भरी पहल ने अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को चकित कर दिया। दरअसल, मदीना खातून नारायणपुर निवासी स्वर्गीय अलाउद्दीन की पत्नी हैं। उन्होंने बड़ी चिंता और ममता से बताया कि उनकी बकरी घर के पास चर रही थी तभी अचानक एक कुत्ते ने आकर काट लिया। उन्होंने डर के मारे तुरंत फैसला किया कि जैसे इंसानों का इलाज अस्पताल में होता है, वैसे ही बकरी को भी अस्पताल में ले जाया जाए।

बकरी को गोद में उठाए जब मदीना खातून अस्पताल परिसर में पहुंचीं, तो वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी और मरीज भी चौंक गए। महिला ने पूरी गंभीरता से डॉक्टरों से बकरी का इलाज करने की गुहार लगाई। जब डॉक्टरों ने उन्हें समझाया कि यह अस्पताल मानव उपचार के लिए है और पशु के इलाज के लिए पशु चिकित्सालय जाना होता है, तो वह मायूस हो गईं। इसके बाद उन्होंने मासूमियत से पशु अस्पताल का पता पूछा।

इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने उनकी चिंता और पशु के प्रति प्रेम को सराहा। वहीं, नारायणपुर के पशु चिकित्सक डॉ. रुस्तम कुमार रोशन से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में पशु अस्पताल में एंटी डॉग रेबीज की दवा उपलब्ध नहीं है। इस बाबत उन्होंने राज्य मुख्यालय को जानकारी भेज दी है, और जल्द ही दवा उपलब्ध होने की संभावना है।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पशु चिकित्सा सेवाओं के प्रति जागरूकता की कमी है। साथ ही यह भी दर्शाता है कि कुछ लोगों के लिए उनके पालतू जानवर भी परिवार का हिस्सा होते हैं, जिनकी तकलीफ को वे उतनी ही गंभीरता से लेते हैं जितनी किसी इंसान की।

मदीना खातून की यह पहल जहां एक ओर मासूमियत भरी थी, वहीं दूसरी ओर इसने व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सुविधाएं पर्याप्त हैं? क्या ग्रामीण महिलाएं इन सेवाओं की जानकारी रखती हैं?

यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है, और उम्मीद की जा रही है कि इसके जरिए संबंधित विभाग पशु चिकित्सा सेवाओं को लेकर अधिक संवेदनशीलता दिखाएगा।

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