कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी लंदन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने वाले हमले को याद किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि वह पीएम मोदी के हमले को दो नजरिए से देखा जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु को जीवन में सबसे बड़ा सीख देना वाला अनुभव बताया.

पीएम मोदी से कुछ सीख सकता हूं: राहुल गांधी

भारत में रोजमर्रा के अपने राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘अगर मैं पलट कर देखूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझ पर हमला करते हैं और ऐसे में मैं कहूं कि हे भगवान, वह कितने बुरे हैं, वह मुझ पर हमला कर रहे हैं. इसके अलावा इसे देखने का एक दूसरा नजरिया भी है- बहुत बढ़िया, मैं उनसे (मोदी) कुछ सीख सकता हूं, मुझे कुछ और सिखाएं.’

पिता की मृत्यु बहुत सीख देना वाला: राहुल गांधी

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक संवाद सत्र के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि उनके पिता राजीव गांधी की एक हमले में मृत्यु उनके लिए सीख देने वाला जीवन का सबसे बड़ा अनुभव था. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि इस हादसे से उन्हें वो चीजें सीखने को मिलीं जो शायद वह कभी नहीं सीख पाते. बता दें कि 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक चुनावी सभा के दौरान ‘लिट्टे’ के आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की मृत्यु हो गई थी.

पिता को खोना बहुत दुखद था: राहुल गांधी

व्यक्तिगत अनुभव से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे पिता की मृत्यु मेरे जीवन में सीख देने वाला सबसे बड़ा अनुभव थी. इससे बड़ा कोई अनुभव नहीं हो सकता.’ उन्होंने आगे कहा, ‘जिस व्यक्ति या ताकत ने मेरे पिता की हत्या की उसने मुझे बहुत दर्द दिया. यह सही भी है, क्योंकि मैंने एक बेटे के रूप में अपने पिता को खोया था और यह बहुत दुखद था. लेकिन, मैं इस तथ्य से भी दूर नहीं भाग सकता कि उसी घटना ने मुझे ऐसी बहुत चीजें सिखाईं, जो शायद मैं कभी सीख नहीं सकता था. इसलिए जब आप सीखना चाहते हैं तो यह मायने नहीं रखता कि दूसरे लोग कितने बुरे हैं.’

राहुल ने बताया राजनीति में बदलाव को लेकर अपना विजन

कार्यक्रम में राहुल गांधी ने राजनीति में बदलाव को लेकर अपना विजन भी बताया और कहा कि राजनीति में बदलाव के लिए वह अपनी पार्टी में युवाओं के लिए दरवाजे खोल रहे हैं. कार्यक्रम में मौजूद युवाओं ने राहुल गांधी से भारत की राजनीति के संदर्भ में सवाल किया और पूछा कि भारतीय राजनीति में बदलाव लाने के लिए वे किस प्रकार इसका हिस्सा बन सकते हैं? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि वे उनकी पार्टी के नेताओं के साथ बतौर इंटर्न जुड़ सकते हैं और इसके बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहें.

बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं पर हमला हो रहा: राहुल

इसके साथ ही राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत को बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं पर ‘सुनियोजित हमला’ हो रहा है. राहुल गांधी ने ने कहा कि चूंकि, बोलने की आजादी बाधित की जा रही है, इसलिए ‘अदृश्य ताकतें’ इन संस्थाओं में प्रवेश कर पा रही हैं और देश में संवाद के तरीके को नए सिरे से परिभाषित कर रही हैं.

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