भागलपुर के नाथनगर प्रखंड के अजमेरीपुर बैरिया में गंगा की जलधारा को सुचारू बनाने और जलस्तर बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने गंगा में जमा सिल्ट को हटाकर गहराई बढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया है। इस तकनीकी प्रक्रिया की शुरुआत अंचलाधिकारी और नाथनगर पुलिस की उपस्थिति में इन्लैंड वाटर सर्वे विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर की।

 

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह काम गंगा की धारा मोड़ने के लिए नहीं है, बल्कि घाटों तक पर्याप्त जलप्रवाह सुनिश्चित करने, गहराई बढ़ाने और नदी के प्राकृतिक बहाव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। लंबे समय से गंगा में सिल्ट जमाव बढ़ने के कारण जलधारा कमजोर हो रही थी और कई घाटों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा था। इसके चलते शहर की पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ रहा था, खासकर इंटेक वेल तक पानी की कमी गंभीर समस्या बन गई थी।

 

गंगा में गहराई बढ़ाने से जलस्तर स्थिर रहेगा और फ्रेश पानी बिना रुकावट सीधे इंटेक वेल तक पहुंच सकेगा। अधिकारियों के अनुसार, इससे न सिर्फ भागलपुर शहर की पेयजल आपूर्ति बेहतर होगी, बल्कि गर्मी के दिनों में पानी की कमी की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाएगी। स्थानीय घाटों—जैसे बरारी, कॉलोनी घाट, जूनियर हाई स्कूल घाट आदि—तक पानी का पहुंचना भी आसान होगा, जिससे धार्मिक गतिविधियों और स्नान-पूजन में सुविधा बढ़ेगी।

 

जलगति विशेषज्ञों ने बताया कि गहराई बढ़ने से बड़े जहाज़ों और कार्गो बोट्स की आवाजाही सुचारू हो सकेगी। इससे भविष्योन्मुखी जल-परिवहन और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। भागलपुर के लिए यह आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी कदम साबित हो सकता है।

 

अधिकारियों ने दोहराया कि गंगा की मूल धारा में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा रहा है। केवल उन स्थानों पर उत्खनन कर गहराई बढ़ाई जा रही है जहां सिल्ट जमा होने से पानी का बहाव प्रभावित हो रहा था। इस प्रक्रिया से घाट, मंदिर क्षेत्र और तटीय इलाकों में जलस्तर स्थिर रहेगा, जो स्थानीय लोगों के लिए सीधा लाभकारी है।

 

स्थानीय लोगों ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि कई वर्षों से गंगाजल की उपलब्धता कम होती जा रही थी। अब उम्मीद है कि इस तकनीकी सुधार से गंगा की जलधारा फिर से पहले जैसी प्रवाहशील होगी और शहर की पेयजल व्यवस्था और भी मजबूत बनेगी।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *