डिप्रेशन और पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवाएं, बिजली और बाढ़ की चेतावनी, विशेषज्ञ बोले — “जलवायु परिवर्तन का असर”
इस साल मानसून ने देशभर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश बरसाई, जिससे तापमान में राहत मिली और जल संकट कम हुआ। लेकिन अब **पोस्ट-मानसून सीजन में मौसम ने फिर करवट ले ली है।** भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने **1 से 4 नवंबर** तक देश के कई हिस्सों में **भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट** जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, **दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर बना डिप्रेशन** उत्तर की ओर बढ़ रहा है, जो बंगाल की खाड़ी से आए निम्न दबाव क्षेत्र से जुड़ा है। इसके असर से तेज हवाएं, आंधी-तूफान, बिजली की चमक और स्थानीय बाढ़ की स्थिति बन सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि **जलवायु परिवर्तन के चलते पोस्ट-मानसून बारिश की तीव्रता बढ़ी है**, जो सामान्य से कहीं अधिक है।
**राजस्थान** में पश्चिमी विक्षोभ के कारण **हल्की से मध्यम बारिश और आंधी का दौर** शुरू हो गया है। जयपुर, उदयपुर और जोधपुर जैसे शहरों में बादल छाए रहेंगे। तेज हवाओं के साथ धूल भरी आंधी की संभावना जताई गई है। **किसानों को फसलों की सुरक्षा** और यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
**गुजरात** में अरब सागर के ऊपर बना निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय हो गया है। **सौराष्ट्र और कच्छ** में भारी बारिश और 50 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं की संभावना है। अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में रुक-रुककर बौछारें पड़ेंगी। **मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी** दी गई है।
पश्चिम भारत में **महाराष्ट्र, गोवा और कोंकण क्षेत्र**, वहीं पूर्वी-मध्य भारत में **मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और ओडिशा** में भी अगले चार दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। **असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश** में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
**दिल्ली-एनसीआर** में भी 1 और 2 नवंबर को हल्की बौछारें हो सकती हैं। IMD ने सभी राज्यों की आपदा प्रबंधन टीमों को **हाई अलर्ट** पर रखा है।
विशेषज्ञों ने कहा कि यह बारिश जहां **जल संसाधनों को पुनर्भरण** करेगी, वहीं **बाढ़ और भूस्खलन के खतरे** से भी इंकार नहीं किया जा सकता। लोगों को बाहरी गतिविधियों को सीमित रखने और **मौसम अपडेट्स पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है।
