गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत इस्माइलपुर-बिंद टोली तटबंध पर बाढ़ पूर्व की तैयारियों के तहत हो रहे कटाव निरोधक कार्यों की धीमी गति से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा है। सरकार द्वारा चार अलग-अलग ठेकेदारों को 64 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित कर कटावरोधी कार्य सौंपा गया है, जिसे बाढ़ कैलेंडर के अनुसार 15 मई तक पूरा किया जाना है। मगर जमीनी हकीकत यह है कि अब तक कार्य की गति बेहद धीमी बनी हुई है, जिससे समय पर कार्य पूरा होने की संभावना कमजोर पड़ती दिख रही है।
तटबंध के स्पर संख्या नौ पर कार्यरत एवरग्रीन कंपनी मजदूरों की कमी के चलते काम को सुचारू रूप से नहीं कर पा रही है। वहीं, स्पर संख्या आठ के डाउन स्ट्रीम पर ठेकेदार जयप्रकाश साह द्वारा रिवेटमेंट का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी को स्पर संख्या आठ के अप स्ट्रीम में 125 मीटर में ध्वस्त तटबंध की मरम्मत कर सीट पाइलिंग और बोल्डर पिचिंग का कार्य करना था, लेकिन अभी तक मिट्टी भराई का काम भी शुरू नहीं हो सका है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए समय रहते प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो पूरे गांव पर खतरा मंडराने लगेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल मजदूरों की संख्या और संसाधनों में वृद्धि नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन को बाध्य होंगे।
कटाव स्थल पर तैनात अभियंताओं ने भी कार्य की गति पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि ठेकेदारों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित एजेंसियों को नोटिस भेजा जा रहा है और जो कार्य समय पर पूरा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इसी बीच, शुक्रवार को हुई बारिश ने कार्य में और बाधा डाल दी। स्पर संख्या सात और आठ के बीच तटबंध मरम्मत का काम बारिश के चलते पूरी तरह ठप रहा। तटबंध को मोटरेबुल बनाने की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है।
स्थानीय प्रशासन पर अब दोहरी जिम्मेदारी है—एक ओर समय पर तटबंध की मरम्मत कराना और दूसरी ओर जनता में भरोसा बनाए रखना। यदि कार्य शीघ्र गति नहीं पकड़ता, तो आने वाले दिनों में यह क्षेत्र गंभीर संकट में घिर सकता है।