भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बावजूद बिहार सरकार सतर्कता बरत रही है। सीमावर्ती और शहरी क्षेत्रों में संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में है। गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय केंद्र सरकार के अगले निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं, जब तक सभी सुरक्षा उपाय और अलर्ट की स्थिति बनी रहेगी।

बिहार के सीमावर्ती जिलों—बगहा से लेकर किशनगंज तक—की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अर्द्धसैनिक बलों के साथ स्थानीय पुलिस की गश्त पहले की तरह जारी है। पुलिस, खुफिया एजेंसियों और अन्य सुरक्षा इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है। सामान्य आवाजाही के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों, सामग्रियों और वाहनों की गहन जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया में सीमावर्ती जिलों के डीएम, एसपी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा उपायों की समीक्षा की और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए।

सार्वजनिक स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। महत्वपूर्ण सड़कों, पुलों, रेलवे लाइन, हवाई अड्डों, पेट्रोलियम डिपो, गैस स्टेशन और धार्मिक स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। पुलिस बलों को संवेदनशील स्थानों पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश मिले हैं।

साइबर स्पेस पर भी निगरानी तेज कर दी गई है। बिहार पुलिस को आशंका है कि आतंकी तत्व सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सकते हैं। धार्मिक उन्माद फैलाने, नस्लभेदी टिप्पणियों या राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले पोस्ट पर नजर रखी जा रही है। ऐसे पोस्ट की शिकायत मिलने पर संबंधित सोशल मीडिया हैंडल्स से उन्हें हटवाया जा रहा है।

सुरक्षा तैयारियों के तहत सीमावर्ती और शहरी क्षेत्रों में मॉकड्रिल की योजना भी चल रही है। संवेदनशील इलाकों में आपातकालीन परिस्थितियों से निबटने के लिए पुलिसकर्मियों को लगातार प्रशिक्षण और अभ्यास में शामिल किया जा रहा है। शनिवार को पटना के महावीर मंदिर में आतंकी हमले की मॉकड्रिल इसी क्रम में की गई थी। राज्य में स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाने और उन्हें विशेष प्रशिक्षण देने की योजना भी तैयार की जा रही है।

इस प्रकार, बिहार सरकार किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार है, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढील नहीं दी जाएगी।

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