भागलपुर में पुलिस महकमे पर सवाल खड़े करने वाला एक बड़ा मामला सामने आया है। गोतस्करों से अवैध वसूली करते पुलिस कर्मियों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद एसएसपी हृदयकांत ने कड़ी कार्रवाई की। जांच पूरी होने पर सब-इंस्पेक्टर उमेश कुमार प्रसाद और सिपाही सतीश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वहीं, हाईवे पेट्रोलिंग टीम के चालक दिनकर कुमार सिन्हा का वेतन रोकते हुए उसका अनुबंध भी समाप्त करने की अनुशंसा की गई है।
**क्या है मामला?**
यह पूरा घटनाक्रम औद्योगिक प्रक्षेत्र थाना क्षेत्र के गोपालपुर पुल के समीप बाईपास पर हुआ। यहां हाईवे पेट्रोलिंग टीम की तैनाती की गई थी। इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस टीम के सदस्य गोतस्करों से अवैध वसूली करते हुए साफ तौर पर दिख रहे थे। वीडियो में टीम का चालक दिनकर कुमार सिन्हा मवेशियों से भरी गाड़ियों को रोककर वसूली करते नजर आया। इतना ही नहीं, इसमें सिपाही सतीश यादव और टीम का नेतृत्व कर रहे सब-इंस्पेक्टर उमेश कुमार प्रसाद की मिलीभगत भी उजागर हुई।
**वीडियो ने खोला पोल**
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों में आक्रोश फैल गया। पुलिसकर्मियों के ऐसे कृत्य ने पूरे विभाग की छवि धूमिल कर दी। वीडियो सामने आते ही एसएसपी हृदयकांत ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और इसकी सत्यता की जांच कराई। जांच में वीडियो को सही पाया गया, जिसके बाद कार्रवाई में देर नहीं की गई।
**एसएसपी की सख्त कार्रवाई**
जांच पूरी होने पर एसएसपी ने सब-इंस्पेक्टर उमेश कुमार प्रसाद और सिपाही सतीश यादव को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही, चालक दिनकर कुमार सिन्हा का वेतन रोकने और अनुबंध समाप्त करने की सिफारिश की गई। पुलिस मुख्यालय को भी इस मामले की जानकारी भेजी गई है ताकि आगे और कड़ी कार्रवाई हो सके।
**भागलपुर पुलिस का बयान**
भागलपुर पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि कर ली गई है। वीडियो में जो दृश्य सामने आए, वे अनुशासन और कर्तव्य की गंभीर अवहेलना को दर्शाते हैं। विभागीय अनुशासन को बनाए रखने और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश देने के लिए यह कार्रवाई की गई है।
**समाज में संदेश**
इस कार्रवाई ने साफ संकेत दिया है कि भागलपुर पुलिस अब किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। आम जनता ने भी इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि ऐसी सख्ती से ही पुलिस की छवि दोबारा सुधर सकती है। वहीं, पुलिस महकमे के भीतर भी यह संदेश गया है कि कर्तव्य से विचलन पर तुरंत कार्रवाई तय है।
बरहाल, गोतस्करों से मिलीभगत और अवैध वसूली का यह मामला जहां पुलिस की छवि पर सवाल उठाता है, वहीं एसएसपी द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई पुलिस की ईमानदारी और पारदर्शिता की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम साबित हो रहा है।
