भागलपुर शहर में यातायात व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, अनुशासित और प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम पहल की गई है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अब शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी बॉडी सिक्योरिटी कैमरे से लैस होकर ड्यूटी करेंगे। मंगलवार से इस नई व्यवस्था को विधिवत लागू कर दिया गया है। इसके तहत ट्रैफिक पुलिस और आम लोगों के बीच होने वाली हर बातचीत, कार्रवाई और व्यवहार कैमरे में रिकॉर्ड होगी।

 

इस पहल का मुख्य उद्देश्य यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराना, पारदर्शिता बढ़ाना और किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में ठोस साक्ष्य उपलब्ध कराना है। बॉडी सिक्योरिटी कैमरे से रिकॉर्ड की गई फुटेज भविष्य में किसी भी शिकायत, आरोप-प्रत्यारोप या विवाद के दौरान प्रमाण के रूप में इस्तेमाल की जा सकेगी। इससे न सिर्फ आम नागरिकों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली भी और अधिक जवाबदेह बनेगी।

 

इसके साथ ही शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी अब सफेद (वाइट) वर्दी में नजर आएंगे। सफेद वर्दी से ट्रैफिक पुलिस की अलग पहचान बनेगी, जिससे आम नागरिकों को पुलिसकर्मियों को पहचानने में आसानी होगी और यातायात संचालन में भी सुविधा मिलेगी।

 

इस संबंध में ट्रैफिक डीएसपी संजय कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से यातायात नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। उसी क्रम में ट्रैफिक पुलिस को हाई-सिक्योरिटी बॉडी कैमरे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आए दिन ट्रैफिक पुलिस पर अभद्र व्यवहार या गलत कार्रवाई के आरोप लगाए जाते हैं। अब कैमरे के माध्यम से हर स्थिति और परिस्थिति रिकॉर्ड होगी, जिससे सच्चाई सामने आएगी और बेवजह के आरोपों पर भी रोक लगेगी।

 

ट्रैफिक डीएसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था केवल चालान काटने या नियमों के पालन तक सीमित नहीं है, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी यह तकनीक काफी कारगर साबित होगी। संदिग्ध गतिविधियों, झगड़ों या किसी भी आपराधिक घटना की रिकॉर्डिंग से पुलिस को त्वरित और ठोस कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर, यह पहल भागलपुर की यातायात व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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