इस सांप की कीमत 2 लाख से 2 करोड़ के बीच कुछ भी हो सकती है। सांप की कीमत उसके वजन से तय होता है। वजनदार सांप की बहुत कीमत मिलती है। सांप का इस्तेमाल महंगे परफ्यूम और दवाएं बनाने के लिए किया जाता है।

बिहार के बेगूसराय में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 2 करोड़ तक हो सकती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सक्रियता से सांप तस्करों के हाथ लगने से बच गया। प्राधिकार के आदेश पर सांप को वन विभाग के हवाले कर दिया गया है। प्राधिकार के सचिव  सतीश कुमार झा और पारा लीगल स्वयंसेवक मुकेन्द्र पासवान की सक्रियता से इस दुर्लभ सांप की जान बच गई। 

जानकारी के मुताबिक बुधवार को बरौनी के निगा गांव में ग्रामीण रंजीत दास के खेत में यह दुर्लभ दोमुहा सांप  रेड सैंड बोआ दिखा। रंजीत दास ने सांप को पकड़ लिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के स्वयंसेवक मुकेंद्र पासवान गांव गए थे। मुकेंद्र ने सांप को रंजीत दास के पास देखा तो इसकी सूचना विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सतीश कुमार झा को दी। सेसन जज श्री झा ने साप को सुरक्षित लाने का आदेश दिया। ग्रामीणों की मदद से दुर्लभ रेड सैंड बोआ साप को कोर्ट लाया गया। 

प्राधिकार के सचिव श्री झा ने बेगूसराय के डीएफओ को इसकी सूचना दी। वन विभाग के वन कर्मी  कोर्ट पहुंचे और सांप को अपने कब्जे में ले लिया। विभाग की पहल पर दुर्लभ प्रजाति के रेड सैंड बोआ को संजय गांधी जैविक उद्यान पटना भेजवा दिया गया।

इस सांप की उपयोगिता और कीमत को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बताया जाता है इस सांप की कीमत 2 लाख से 2 करोड़ के बीच कुछ भी हो सकती है। सांप की कीमत उसके वजन से तय होता है। वजनदार सांप की बहुत कीमत मिलती है। यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में  कभी 40 लाख, कभी 80 लाख, कभी सवा करोड़ में इस सांप का सौदा होने की खबर आती रही है। इन इलाकों में जिसमें कई सांप तस्कर गिरफ्तार हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक इस सांप का इस्तेमाल महंगे परफ्यूम और दवाएं बनाने के लिए किया जाता है। इसके चमरे का उपयोग कॉस्टमेटिक्स उत्पादन में किया जाता है।  इसी वजह से सांप की तस्करी होती और और कीमत करोड़ों में होती है।

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