**बिहार कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय बिहार किसान मेला सह बागवानी व पशु प्रदर्शनी का भव्य आयोजन, महामहिम राज्यपाल ने किया कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन** 

### **”कृषि उद्यमिता से समृद्ध किसान” विषय पर किसान मेला 2025 का आयोजन, जीआई टैग प्रोडक्ट्स सहित कई स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र** 

### **कृषि से संबंधित कई पुस्तकों का विमोचन, विशिष्ट किसानों व वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानित** 



**भागलपुर, 11 मार्च:** बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) में दो दिवसीय *बिहार किसान मेला सह बागवानी व पशु प्रदर्शनी 2025* का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन बिहार के कुलाधिपति सह राज्यपाल **श्री आरिफ मोहम्मद खान** ने किया। उनके साथ भागलपुर सांसद **अजय मंडल** और गोपालपुर विधायक **नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल** भी मौजूद रहे। इस महत्वपूर्ण आयोजन के निवेदक के रूप में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति **डॉ. डी. आर. सिंह** उपस्थित थे। 

यह दो दिवसीय किसान मेला 11 मार्च और 12 मार्च को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर परिसर में आयोजित किया गया। इस वर्ष मेले की थीम थी **”कृषि उद्यमिता से समृद्ध किसान”**। इस थीम के अनुरूप आयोजन में कृषि से जुड़ी नई तकनीकों, नवाचारों, जैविक खेती, पशुपालन और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले विभिन्न स्टॉल लगाए गए। 



### **मेले में लगे आकर्षक स्टॉल, जीआई टैग वाले उत्पाद बने मुख्य आकर्षण** 

इस किसान मेले में कृषि और इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के स्टॉल लगाए गए, जिनमें जीआई (Geographical Indication) टैग प्राप्त उत्पादों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। इन स्टॉलों में निम्नलिखित उत्पादों को प्रस्तुत किया गया: 

– **मोटे अनाज:** ज्वार, बाजरा, रागी 
– **मशरूम उत्पादन:** विभिन्न प्रकार की मशरूम खेती के मॉडल 
– **कतरनी धान एवं जर्दालू आम:** बिहार के प्रसिद्ध जीआई टैग प्राप्त उत्पाद 
– **केला, विभिन्न फल और सब्जियां:** जैविक खेती से उगाए गए उत्पाद 
– **फूलों की खेती:** गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा जैसी फसलों के स्टॉल 
– **मत्स्य पालन एवं बकरी पालन:** आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन 
– **दलहन और तिलहन उत्पादन:** अरहर, मूंग, सरसों जैसी फसलें 
– **शहद एवं मखाना उत्पादन:** बिहार के विशेष उत्पादों का प्रदर्शन 

इस मेले में न केवल किसानों बल्कि आम जनता ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। स्टॉलों को देखकर लोगों ने विशेष रुचि दिखाई और नई तकनीकों को समझने का प्रयास किया। सभी अतिथियों ने इन प्रदर्शनों की सराहना की और इसे बिहार के कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। 



### **उद्घाटन समारोह और मुख्य अतिथियों के विचार** 

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर महामहिम राज्यपाल **आरिफ मोहम्मद खान** ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि भारत की रीढ़ है और बिहार के किसान मेहनती और नवाचार को अपनाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है और नई-नई तकनीकों के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा है। 

उन्होंने कहा, *”हमारे किसानों को आधुनिक तकनीकों से लैस करना और उन्हें कृषि उद्यमिता की ओर बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। जब तक किसानों को उचित मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे, तब तक कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव संभव नहीं है। कृषि विश्वविद्यालय इस दिशा में बेहतरीन कार्य कर रहा है और यह आयोजन इसी का एक उदाहरण है।”* 

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के *”दोगुनी आय वाले किसान”* के सपने को साकार करने की दिशा में बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। 



### **कृषि से संबंधित पुस्तकों का विमोचन एवं किसानों व वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानित** 

इस भव्य आयोजन के दौरान **कृषि से संबंधित कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन** किया गया। ये पुस्तकें किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी होंगी, क्योंकि इनमें नई तकनीकों, आधुनिक कृषि पद्धतियों और उद्यमिता के विषय में जानकारी दी गई है। 

इसके अलावा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा **कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों और वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया**। उन्हें *स्मृति चिह्न, अंग वस्त्र एवं प्रमाण पत्र* देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके नवाचार, कड़ी मेहनत और कृषि क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया। 



### **नाबार्ड द्वारा क्षेत्रीय जीआई सुविधा केंद्र का उद्घाटन** 

इस अवसर पर **नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक)** द्वारा प्रायोजित **”क्षेत्रीय भौगोलिक संकेत (जीआई) सुविधा केंद्र”** का भी उद्घाटन किया गया। यह केंद्र बिहार के पारंपरिक और विशिष्ट कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने तथा उनके संरक्षण के लिए कार्य करेगा। इस केंद्र के माध्यम से किसानों को जीआई टैग प्राप्त करने की प्रक्रिया में सहायता मिलेगी और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान मिलेगी। 



### **महामहिम राज्यपाल ने दिया किसानों को प्रोत्साहन, नई योजनाओं पर चर्चा** 

राज्यपाल **आरिफ मोहम्मद खान** ने सभा को संबोधित करते हुए किसानों के कल्याण और उनकी आर्थिक समृद्धि को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें रखीं। उन्होंने कहा कि सरकार और कृषि विश्वविद्यालय किसानों की बेहतरी के लिए सतत कार्य कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, *”हमारा उद्देश्य केवल कृषि उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाना भी है। इसके लिए उन्हें नई तकनीकों से जोड़ना, जैविक खेती को बढ़ावा देना और बाजार तक सीधा पहुंचाने के उपाय करना जरूरी है।”* 

राज्यपाल ने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के *”किसान समृद्धि योजना”*, *”पीएम किसान सम्मान निधि”*, *”फसल बीमा योजना”*, *”मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना”* जैसी नीतियों को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है, जिससे किसानों को लाभ मिल रहा है। 



### **कार्यक्रम का समापन और भविष्य की योजनाएं** 

इस दो दिवसीय किसान मेले का समापन 12 मार्च को होगा, जिसमें कृषि विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, किसान और छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। मेले के दौरान विशेष कार्यशालाओं और प्रदर्शनों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। 

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानों को **कृषि उद्यमिता** की ओर प्रोत्साहित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। यह मेला बिहार के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ, जिससे उन्हें नई तकनीकों, नवाचारों और जीआई टैग वाले उत्पादों के महत्व के बारे में जानकारी मिली। 

इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए कुलपति **डॉ. डी. आर. सिंह** ने भविष्य में और बड़े स्तर पर ऐसे आयोजनों की योजना बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय किसानों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी इस तरह के प्रयास करता रहेगा। 



### **निष्कर्ष** 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में आयोजित यह दो दिवसीय किसान मेला किसानों के लिए ज्ञान, नवाचार और तकनीकी विकास का केंद्र बना। राज्यपाल **आरिफ मोहम्मद खान** सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी भव्य बना दिया। किसानों को नई कृषि तकनीकों से अवगत कराने, उन्हें उद्यमिता की ओर बढ़ाने और जीआई टैग उत्पादों के महत्व को बताने में यह मेला अत्यंत सफल रहा। 

इस आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय न केवल कृषि शिक्षा में बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

By admin

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