सड़क दुर्घटना में किसी की मृत्यु हो गई हो और उनका एटीएम कार्ड है तो संबंधित मृतक के परिजन दुर्घटना बीमा का लाभ ले सकते हैं।

1 से 10 लाख रुपये तक बीमा राशि एटीएम कार्ड की श्रेणी के अनुसार मिलेगी। दरअसल, बैंक ग्राहकों को जब डेबिट या एटीएम कार्ड जारी करता है तो उस पर दुर्घटना बीमा या असमय मौत पर मुफ्त बीमा भी दिया जाता है। जानकारी के अभाव में लोग इसका लाभ नहीं ले पाते।

अब परिवहन निभाग इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएगा।

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जानकारी के अभाव में एटीएम कार्ड धारक की दुर्घटना या असामयिक मौत के बाद उनके परिजनों को बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है।

लोगों को इसका लाभ मिल सके इसके लिए हाल में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में ध्यान आकृष्ट कराया गया है।

परिवहन सचिव ने कहा कि मृतक के परिजनों को एटीएम बीमा का लाभ दिए जाने के उद्देश्य से सड़क दुर्घटना के डेटाबेस का भी उपयोग किया जाएगा।

मृतक के आश्रितों को इस बारे में सूचना दी जाएगी ताकि पीड़ित के परिजन बीमा क्लेम कर सकें।

एटीएम बीमा कवरेज के बारे में आम लोगों को जानकारी नहीं है। इसलिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है।

सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

कार्ड के 45 दिन बाद ही बीमा के हकदार

प्रावधान के तहत अगर किसी व्यक्ति को सरकारी या गैर-सरकारी बैंक का एटीएम उपयोग करते अमूमन 45 दिन हो गए हैं, तो वो कार्ड के साथ मिलने वाली बीमा सेवाओं के हकदार हो जाते हैं।

हालांकि, अलग-अलग बैंकों ने इसके लिए अलग अवधि तय कर रखी है। एटीएम कार्ड की कैटेगरी के अनुसार, बीमा की राशि तय होती है। यह सुविधा केवल एक कार्ड पर ही मान्य होगी।

60 दिनों के अंदर दावा

दुर्घटना के 60 दिनों के अंदर बीमा राशि का दावा करना होगा। इस अवधि में ही दावों से संबंधित सभी दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी है।

दस्तावेज मिलने पर पात्रता का मूल्यांकन होने बाद दि न्यू इंडिया इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा 10 कार्यालय दिनों में दावा राशि का भुगतान किया जायेगा।

यहां कर सकते हैं आवेदन

डेबिट-एटीएम कार्ड रखने वाले व्यक्ति की अगर किसी दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उनका नॉमिनी संबंधित बैंक में जाकर बीमा राशि का दावा कर सकते हैं।

इसके लिए बैंक में आवेदन करना होगा। इसके लिए कार्डधारी का मृत्यु प्रमाण पत्र, दुर्घटना की एफआईआर कॉपी और आश्रित का प्रमाण पत्र देना होगा।

बैंकों से आग्रह है कि वे अपने ग्राहकों को इस सुविधा के बारे में बताएं और उसका प्रचार-प्रसार कराएं ताकि संबंधित व्यक्ति के परिजनों को इसका लाभ निश्चित रूप से मिल सके।

संजय कुमार अग्रवाल ,परिवहन सचिव

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