रघुनाथ में हुई ट्रेन दुर्घटना के 34 घंटे बाद अप लाइन पर जबकि 43 घंटे बाद डाउन लाइन पर रेल सेवा बहाल कर दी गई।
शुक्रवार की सुबह 8.10 बजे अप लाइन में रेल पटरियों का फिटनेस दिया गया और साढ़े आठ बजे पहली ट्रेन गुजरी।
इससे पहले दो मालगाड़ियों को ट्रैक से गुजारकर इसका परीक्षण किया गया।
वहीं डाउन लाइन को दोपहर एक बजकर 10 मिनट पर ट्रेन परिचालन के लिए फिट घोषित किया गया,
जबकि पांच बजकर 12 मिनट पर सबसे पहले डीजल इंजन वाली मालगाड़ी गुजरी।
देर शाम तक ओवरहेड तार को दुरुस्त किया गया। अप और डाउन लाइन पर रेल सेवा बहाल होने से रेल प्रशासन और रेल यात्रियों ने राहत की सांस ली है।
पूमरे के सीपीआरओ वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि मालगाड़ी चलाकर बारी-बारी से अप व डाउन लाइन का परीक्षण किया गया। यात्री ट्रेनों का परिचालन दोनों लाइन पर शुरू हो गया है।
बुधवार की रात 9.51 बजे आनंद विहार से कामाख्या जा रही नार्थईस्ट एक्सप्रेस के रघुनाथपुर स्टेशन के समीप दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पटना-डीडीयू अप और डाउन लाइन क्षतिग्रस्त होने से परिचालन पूरी तरह ठप हो गया था।
घटना में चार यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि सौ यात्री घायल हो गए थे। घटना के बाद गया और सासाराम की ओर रास्ता बदलकर दर्जनों ट्रेनों का परिचालन किया गया। इससे इस रेल मार्ग के यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शुक्रवार की सुबह लगभग 8.30 बजे अप लाइन से ट्रायल के रूप में पहले दो मालगाड़ी को चलाया गया। फिर 13209 अप पटना-डीडीयू पैसेंजर वहां से गुजरी।
यह पैसेंजर सुबह 10.20 बजे रघुनाथपुर स्टेशन पहुंची। इसके बाद 03203 पटना-रघुनाथपुर पैसेंजर को चलाया गया। यह ट्रेन दोपहर 2.07 में रघुनाथपुर स्टेशन पहुंची।
हालांकि, ट्रेन के अधिकांश डिब्बे खाली थे। कुछ ही यात्री सवार थे।
रघुनाथपुर में फिर पटरी से उतरा इंजन
रघुनाथपुर में हॉट एक्सेल लाइन पर ( साइडिंग लाइन) शुक्रवार की रात करीब दस बजे दो खाली डब्बे से जुड़ा इंजन पटरी से उतर गया।
हालांकि दानापुर के सीनियर डीसीएम सरस्वती चंद्र ने बताया कि अप और डाउन लाइन पर ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इससे रेल परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
घटना के बाद इंजन को दोबारा पटरी पर लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दरअसल, दुर्घटना में पटरी से उतरे नार्थ ईस्ट के डिब्बों को अलग ट्रैक पर रखा जा रहा है।
जिस ट्रैक पर इन डब्बों को ले जाया जा रहा था, वहीं इंजन पटरी से उतरा। यह एक तरह की विशेष लाइन होती है
जिसपर अतिरिक्त इंजन या डब्बों को खड़ा किया जाता है।