बिहार के सहरसा जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। महिषी थाना क्षेत्र के *छिटकी कंदाहा गांव* निवासी जगरनाथ मुखिया के पुत्र *गुलशन कुमार मुखिया (25 वर्ष)* की नदी में डूबने से मौत हो गई। बताया जाता है कि गुलशन 21 अक्टूबर को अपने ससुराल गया हुआ था, जहां वह कुछ दोस्तों के साथ नदी किनारे मछली पकड़ने गया था। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में डूब गया।
परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने काफी देर तक तलाश की, लेकिन गुलशन का कोई पता नहीं चला। बाद में सूचना मिलने पर *एनडीआरएफ की टीम मधेपुरा* से मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद युवक का शव बरामद किया गया। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
गुलशन की मौत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जाता है कि गुलशन की *हाल ही में शादी हुई थी* और उसका एक छोटा बच्चा भी है। वह परिवार का *एकमात्र कमाऊ सदस्य* था। अचानक हुए इस हादसे ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। मृतक के पिता जगरनाथ मुखिया ने कहा कि बेटा परिवार की उम्मीद था, जिसकी मौत ने सब कुछ उजाड़ दिया।
गांव के लोगों ने बताया कि गुलशन मेहनती और मिलनसार स्वभाव का था। वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मेहनत करता था और सभी से प्रेमपूर्वक व्यवहार रखता था। उसकी असमय मौत से पूरे इलाके में मातम छाया हुआ है। महिलाएं और बच्चे विलाप कर रहे हैं, वहीं गांव के बुजुर्ग उसे एक नेक और सज्जन युवक के रूप में याद कर रहे हैं।
इस दुखद घटना की जानकारी मिलने पर *महिषी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी देव नारायण यादव* भी मृतक के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना प्रकट की और दुःख की इस घड़ी में धैर्य बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने पीड़ित परिवार को *पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता* भी दी और प्रशासन से मांग की कि सरकार मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और सहायता प्रदान करे।
श्री यादव ने कहा कि सरकार को ऐसी घटनाओं में प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि पीड़ित परिवार को आपदा राहत कोष से सहायता दी जाए ताकि आर्थिक संकट से कुछ राहत मिल सके।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासन से मांग की है कि इस इलाके में *सुरक्षा उपायों को मजबूत* किया जाए, क्योंकि नदी किनारे मछली पकड़ने के दौरान अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नदी किनारे चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा व्यवस्था की सख्त आवश्यकता है।
इस घटना ने पूरे महिषी क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। छिटकी कंदाहा गांव में हर घर से रोने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। गुलशन के घर मातम पसरा हुआ है और परिवारजन इस गहरे दुःख से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज का नुकसान है, जिसने एक होनहार और जिम्मेदार युवक को खो दिया।
