बिहार के सहरसा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। सलखुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत हरेवा छेका मूसहरी वार्ड नं-1 गांव में बीती रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में एक दंपती की जान चली गई। बताया जा रहा है कि दोनों पति-पत्नी अपने घर के पास सड़क किनारे सो रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उन्हें कुचल दिया।
मृतकों की पहचान गांव के निवासी 50 वर्षीय गोनू सादा और उनकी 45 वर्षीय पत्नी बुधनी देवी के रूप में हुई है। ये दोनों गरीब दंपती अपने घर के बाहर सड़क किनारे सो रहे थे। रात के अंधेरे में एक मक्का से लदा ट्रैक्टर तेज रफ्तार में आया और अचानक अनियंत्रित होकर सीधे उनके ऊपर चढ़ गया। हादसा इतना भयावह था कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास के लोगों ने जब आवाज सुनी तो मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
हादसे की सूचना मिलते ही सलखुआ थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेजा। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी गई है। इस बीच, घटना को अंजाम देने वाला ट्रैक्टर चालक वाहन सहित मौके से फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
इस हृदयविदारक घटना के बाद गांव में शोक की लहर फैल गई है। पूरे इलाके में मातम का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से आरोपी चालक की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है। लोगों का कहना है कि सड़क पर ट्रैक्टरों की तेज रफ्तार और रात में बिना रोशनी के चलने वाले वाहनों की वजह से इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है।
गांव वालों ने बताया कि गोनू सादा और बुधनी देवी मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते थे। गरीबी के कारण उनके पास पक्के घर की सुविधा नहीं थी, और अक्सर वे घर के पास ही सड़क किनारे सो जाया करते थे। यही उनकी मौत की वजह बन गई।
स्थानीय लोगों ने यह भी मांग की है कि पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि उनके बच्चों और परिजनों को जीवन यापन में मदद मिल सके। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना को दुखद बताते हुए पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
प्रशासन की ओर से अभी तक किसी तरह की आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चालक की तलाश तेजी से की जा रही है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही ट्रैक्टर मालिक की भी पहचान कर ली गई है और उसे नोटिस भेजा गया है।
यह घटना राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल खड़े करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर बिना नंबर प्लेट और बिना परमिट के ट्रैक्टर व अन्य भारी वाहन धड़ल्ले से चलते हैं, जिन पर कोई निगरानी नहीं रहती।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस दुखद हादसे के बाद क्या ठोस कदम उठाता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
