भागलपुर और नवगछिया के बीच आवागमन के महत्वपूर्ण साधन विक्रमशिला सेतु पर मंगलवार की सुबह करीब तीन घंटे तक लोगों को जाम की भारी समस्या से गुजरना पड़ा। सुबह छह बजे से लेकर नौ बजे तक वाहनों की लंबी कतारें सेतु पर फंसी रहीं। जाम की मुख्य वजह नवगछिया की ओर दो ट्रकों के बीच हुई टक्कर और उसी दौरान पिलर संख्या आठ के पास एक ट्रक का खराब हो जाना बताया गया। इस वजह से स्थिति और बिगड़ गई।

ट्रक की टक्कर के बाद सड़क पर बाधा उत्पन्न हो गई और धीरे-धीरे वाहनों का दबाव बढ़ने लगा। वहीं, पिलर संख्या आठ के पास खराब हुए ट्रक ने जाम की समस्या को और गंभीर कर दिया। लगभग नौ बजे तक दुर्घटनाग्रस्त और खराब ट्रक को हटाने की कार्रवाई चलती रही। उसके बाद पहले कुछ समय तक सेतु को वन-वे कर परिचालन कराया गया और फिर धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो पाई।

जाम के दौरान सेतु पर पैदल चलने वाले लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। सेतु की रैलिंग पर दोपहिया वाहनों की भीड़ इतनी अधिक हो गई कि पैदल चलना मुश्किल हो गया। लोग घंटों तक वाहनों के बीच फंसे रहे। इस दौरान सेतु पर माहौल अस्त-व्यस्त दिखाई दिया।

जाम का असर विक्रमशिला सेतु के दोनों ओर लंबे क्षेत्र तक दिखाई दिया। भागलपुर की ओर जीरोमाइल तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही, वहीं दूसरी ओर नवगछिया सीमा में जगतपुर गांव तक वाहन खड़े रहे। कई यात्री और रोजाना काम पर जाने वाले लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए।

यातायात डीएसपी आशीष कुमार सिंह ने बताया कि जाम की स्थिति अचानक बने हादसे और ट्रक खराब होने के कारण हुई थी। हालांकि समय रहते पुलिस और प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया। ट्रक हटाए जाने के बाद धीरे-धीरे यातायात सामान्य हो गया।

विक्रमशिला सेतु पर आए दिन जाम लगने की समस्या लोगों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। सेतु पर भारी वाहनों की आवाजाही और किसी भी छोटे हादसे या खराब वाहन की वजह से आवागमन घंटों बाधित हो जाता है। इससे आम लोगों के साथ-साथ आपात स्थिति में निकलने वाले लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। मंगलवार की घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि इस पुल पर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और वैकल्पिक समाधान तलाशने की कितनी आवश्यकता है।

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