आज उनके गांव, बरारी घाट पर सेना के जवानों के सलामी के साथ किया गया अंतिम संस्कार

शहीद जवान सुधांशु भारत चीन सीमा के लद्दाख गलवान घाटी में था तैनात, बॉयलर फटने से बुरी तरह झुलस गया था,एक सप्ताह जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद सुधांशु देश के लिए हो गए शहीद

भागलपुर, सही कहा गया है “वतन पर जो फिदा होगा अमर वो नौजवा होगा” भारत माता की रक्षा के लिए रजौन प्रखंड के सकहरा गांव के रहने वाले आर्मी राजेश कुमार चौधरी का पुत्र सुधांशु कुमार हंसते हंसते अपने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया । शहीद की एक झलक पाने के लिए गांव के हजारों हजार की संख्या में लोग मौजूद हो गए।

बताते चलें कि बांका जिला के रजौन के सकहरा के रहने वाले सेना के शहीद जवान सुधांशु कुमार का अंतिम संस्कार शहर के बरारी घाट में किया गया। शहीद जवान की अंतिम यात्रा में हजारों हजार की संख्या में लोग पैदल और मोटरसाइकिल से शहीद जवान की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। वही भारत माता की जय और शहीद जवान के जयकारे लगाए गए।

जवान के दादा ने जहां उन्हें मुखाग्नि दी। वही सेना के जवानों ने शहीद जवान को सलामी दी। शहीद जवान सुधांशु भारत चीन सीमा के लद्दाख गलवान घाटी में तैनात थे। इसी दौरान 21 अगस्त को बॉयलर फटने से वह बुरी तरह झुलस गया था ,वह घायल हो गये थे। जिनका इलाज सेना के अस्पताल में पहले चला वही फिर उन्हें एयरलिफ्ट कर लेह अस्पताल ले जाया गया था।

लेकिन वह एक सप्ताह जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद 30 अगस्त को शहीद हो गए। वहीं शहीद जवान के दादा और चाचा का कहना है कि सेना के द्वारा सूचना मिली थी कि उनका पोता बुरी तरीके से घायल हो गया है। जिसके बाद शहीद जवान के माता पिता वहां गए हुए थे। लेकिन 30 तारीख को जवान ने सहादत प्राप्त कर ली।

वही शहीद जवान के साथ आए सेना के सूबेदार ने बताया कि ड्यूटी के दौरान वह घायल हुए थे और इलाज के क्रम में उन्होंने शहादत प्राप्त की है। वहीं वह ज्यादा कुछ भी बताने में असमर्थ दिखे। शहीद जवान के अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि शहीद जवान को दी। वहीं भारत माता की जय और भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे के साथ शहीद जवान को विदाई दी।

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