बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए आज का दिन मुश्किलों भरा होगा. बता दें कि जमीन के बदले नौकरी के साथ ही आईआरसीटीसी घोटाले के मामले में तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए CBI ने तलब किया है. तेजस्वी यादव को 25 मार्च को CBI के सामने सवालों के जवाब देने के लिए हाजिर होना है. हालांकि इससे पहले तेजस्वी यादव ने 4 बार CBI के समन पर हाजरी नहीं लगाई और आपको बता दें कि वह CBI के इस तरह से समन जारी करने के खिलाफ अदालत भी पहुंचे थे. अदालत ने वहां से पूछताछ के लिए तेजस्वी को CBI दफ्तर जाने का निर्देश तो दे दिया लेकिन उनक गिरफ्तारी पर रोक लगाकर उन्हें राहत दे दी.
बता दें कि इससे पहले राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह तेजस्वी को लेकर यह तक बोल गए थे कि वह जमीन के बदले नौकरी मामले में अभियुक्त नहीं है बल्कि उन्हें गवाह बनाया गया है. ऐसे में राजनीति के जानकार और विपक्षी दल के नेता सवाल पूछने लगे कि आखिर तेजस्वी किसके खिलाफ गवाही देंगे. क्योंकि इस मामले में तो उनका पूरा परिवार ही फंसा पड़ा है. तेजस्वी की तीन बहनों, खुद तेजस्वी के खिलाफ ईडी की छापेमारी तो कहीं और ही इशारा कर रही थी. वहीं मीसा, लालू, राबड़ी से सीबीआई की पूछताछ भी कुछ दूसरे ही संकेत दे रहे थे.
तेजस्वी यादव सीबीआई से जहां समन पर समन मिलने के बाद भी कहते रहे कि उनकी पत्नी की तबीयत खराब है इसलिए वह सीबीआई के सवालों का जवाब देने के लिए हाजिर नहीं हो सकते. वहीं अदालत में उन्होंने अपने वकील के माध्यम से बात रखी थी कि बिहार में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है ऐसे में वह सीबीआई के दफ्तर दिल्ली में पूछताछ के लिए नहीं पहुंच सकते हैं. हालांकि अदालत ने साफ कर दिया कि उन्हें 25 मार्च को अदालत में हाजिर होना होगा.
हालांकि सीबीआई से तो तेजस्वी यादव की गिरफ्तारी नहीं होगी लेकिन हाल में जिस तरह से ईडी ने छापेमारी की और तेजस्वी यादव सहित कई और के खिलाफ 600 करोड़ रुपये के अपराध की आय जमा करने का आरोप लगा रही है उससे यह लगने लगा है कि कहीं ईडी उन्हें गिरफ्तार ना कर ले. हालांकि अभी तक ईडी की तरफ से तेजस्वी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर ईडी तेजस्वी यादव को गिरफ्तार कर सकती है. सुशील मोदी भी इसी तरह की बात पहले कह चुके हैं और वह तो यह तक कहते रहे हैं कि लालू परिवार के खिलाफ कार्रवाई से नीतीश सबसे ज्यादा खुश हैं क्योंकि उनपर से तेजस्वी को सीएम बनाने का दबाव कम हो गया है. सियासी जानकर सुशील मोदी की इस बात को दमदार बता रहे हैं.
हालांकि तेजस्वी ने बिहार विधानसभा में नीतीश के सामने अपनी तरफ से ऐलान कर दिया कि वह बिहार का सीएम नहीं बनना चाहते हैं और नीतीश के नेतृत्व में ही आगे काम करना चाहते हैं लेकिन राजद के नेताओं को यह बयान नहीं भा रहा है. वहीं जदयू के नेता भी इस बयान से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुए हैं कि तेजस्वी की सोच सीएम बनने की नहीं है. वह तेजस्वी के इस बयान पर भरोसा भी नहीं कर पा रहे हैं.