बिहार के जमुई जिले में कुर्सी तोड़ने पर एक हेडमास्टर दबंग बन गए। वे बच्चे के घर जा पहुंचे और उसकी मां को धक्का देते हुए बच्चे को पीटने लगे। इस हरकत के बाद गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया।
जमुई) : शिक्षकों का बच्चों के प्रति व्यवहार ऐसा होना चाहिए, जिससे वे अपने भविष्य के सुनहरे सपने बुन सकें। बचपने में की गई गलतियों की सजा, अमानवीय रुख अख्तियार करते हुए तय करना। इस प्रोफेशन की शोभा से परे है। बावजूद इसके बिहार से अक्सर बच्चों की पिटाई के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला जमुई के झाझा का है, जहां एक बच्चे से कुर्सी टूटी, तो प्रधानाध्यापक को इतना गुस्सा आ गया कि वे दबंग बन गए और उसके घर जा पहुंच गए। उन्होंने बच्चे को जमकर पीटा
इस बाबत बच्चे के अभिभावकों ने प्रधानाध्यापक को रोकने का काफी प्रयास किया, लेकिन हेडमास्टर नहीं रुके। इसके विरोध में अभिभावकों और अभाविप के सदस्यों ने एनएच 333 को जाम कर प्रदर्शन किया। थानाध्यक्ष व बीईओ के आश्वासन पर लोग माने। पूरा मामला शहर के मध्य विद्यालय सोहजाना के प्रधानाध्यापक संजय कुमार से जुड़ा है। विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक सूरज वर्णवाल और बच्चे के अभिभावकों ने बताया कि मंगलवार को मध्य विद्यालय सोहजाना में सातवीं के छात्र सुभाष कुमार से किसी कारणवश कुर्सी टूट गई। शिक्षक के डर से वह घर भाग गया।
वहीं, इसकी सूचना हेडमास्टर संजय कुमार को मिली। वह बच्चे के घर पहुंच गए। रोकने का प्रयास करने पर बच्चे की मां को धकेलकर वे अंदर घुसे गए और बच्चे की पीटने लगे। इसकी सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घटना की सूचना पर प्रभारी थानाध्यक्ष सुबोध कुमार यादव एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महेंद्र प्रसाद पहुंचे। मामला शांत कर सड़क जाम को हटवाया। इधर, मामला इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। हर कोई हेडमास्टर के इस रवैये की भर्त्सना कर रहा है।