गोपालपुर, देश की सुरक्षा और संप्रभुता को सशक्त बनाने वाले ऐतिहासिक “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता पर शनिवार को गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत सुकटिया बाजार में भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस तिरंगा यात्रा का नेतृत्व पूर्व सांसद एवं वरीय भाजपा नेता अनिल यादव ने किया। यात्रा में देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने सेना की वीरता और देश की एकता का उत्सव मनाया।

तिरंगा यात्रा की शुरुआत सुकटिया हाईस्कूल परिसर से हुई, जहाँ भारत माता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर यात्रा का शुभारंभ किया गया। इसके पश्चात राष्ट्रगान की गूंज के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति में रंग गया। यात्रा में भाग लेने वालों ने हाथों में तिरंगा लेकर ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’, ‘जय हिंद की सेना’, और ‘वीर जवान अमर रहें’ जैसे गगनभेदी नारे लगाए। देश के प्रति गर्व और समर्पण की भावना हर चेहरे पर स्पष्ट झलक रही थी।

यात्रा का संचालन भाजपा गोपालपुर पूर्वी मंडल अध्यक्ष मुकेश कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि भारत की सेना हर परिस्थिति में देश की रक्षा करने में सक्षम है। यह अभियान देश की सुरक्षा नीति में एक मील का पत्थर साबित हुआ है, और इसी गौरव को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह तिरंगा यात्रा आयोजित की गई है।

इस यात्रा में विशेष रूप से स्कूली छात्र-छात्राएं, स्थानीय युवक-युवतियां, व्यापार मंडल के सदस्य, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। तिरंगे की छाया में चलते हुए युवाओं के चेहरों पर राष्ट्रभक्ति का उत्साह देखते ही बन रहा था। स्कूली बच्चों ने भी तिरंगे रंग के कपड़े पहन कर देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी, जिससे माहौल और भी भावुक एवं प्रेरणादायक हो गया।

पूर्व सांसद अनिल यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता सिर्फ सैन्य विजय नहीं, बल्कि भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और सुरक्षा नीति की जीत है। उन्होंने सेना के साहस को सलाम करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपनी सेना पर गर्व है और यह यात्रा उस सम्मान का एक छोटा सा प्रतीक है।

पूरी तिरंगा यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी। इस आयोजन ने न सिर्फ क्षेत्र में देशभक्ति का माहौल बनाया, बल्कि नई पीढ़ी को यह संदेश भी दिया कि देशप्रेम किसी एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि जीवनभर निभाई जाने वाली जिम्मेदारी है।

इस प्रकार, गोपालपुर की यह तिरंगा यात्रा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को जन-जन तक पहुंचाने और देश की सेना के प्रति आभार प्रकट करने का एक अभूतपूर्व प्रयास बनकर सामने आई।

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