आतंकी संगठन टीआरएफ का कहना है कि वे अमरनाथ यात्रा 2022 के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे.
अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले आतंकी संगठन की तरफ से धमकी दी गई है. आतंकी संगठन TRF का धमकी भरा पत्र ऐसे वक्त पर सामने आया है जब 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है. टीआरएफ की ओर से धमकी भरा पत्र जारी करते हुए इस बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और केन्द्र सरकार पर निशाना साधा गया है.
अमरनाथ यात्रा को लेकर आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने धमकी भरा पत्र जारी किया है. पत्र में आंतकी संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर निशाना साधा है. संगठन का कहना है कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे.
इधर, दूसरी तरफ, श्रीनगर पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर/TRF के 2 स्थानीय हाईब्रिड आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. कश्मीर के आईजी का कहना है कि 15 पिस्तौल, 30 मैगजीन, 300 राउंड और 1 साइलेंसर सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. इस बारे में मामला दर्ज़ कर फिलहाल जांच चल रही है. पुलिस इसे अपना लिए बड़ी कामयाबी मान रही है.
15 जून की समय सीमा तय
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को इस साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा से संबंधित सभी कार्यों को पूरा करने के लिए 15 जून की समय सीमा तय की और कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता तीर्थयात्रियों के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं सुनिश्चित करना है.
सिन्हा ने यहां राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में उपायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारी भी शामिल हुए. उपराज्यपाल ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है. उन्होंने श्री अमरनाथजी यात्रा से संबंधित सभी कार्यों को पूरा करने के लिए 15 जून की समय-सीमा तय की. यात्रा इस साल 30 जून से पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से शुरू होगी.