बसंत पंचमी की राह मूर्तिकार पूरे साल भर से देखते रहते हैं लेकिन इस तरह के इतने कम आर्डर ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है ,बसंत पंचमी के दिन शिक्षण संस्थानों के अलावा कई जगहों पर पंडालों में सरस्वती की प्रतिमा सजाई जाती है और उसका पूजन किया जाता है लेकिन इस बार उनका कहना है कि कोरोना काल ने उसकी कमर तोड़ दी है,भागलपुर के मूर्तिकार इस बार हतप्रभ हैं जीवन में ऐसा दौर कभी नहीं आया था, कोरोना ने इतने लंबे समय तक मूर्तिकारों की आय ठप कर उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर कर दी है,
भागलपुर के कई मूर्तिकार बचपन से ही मूर्ति बनाते आ रहे हैं सभी प्रसिद्ध मूर्तिकारों की अपनी खास शैली है लेकिन कोरोना काल ने मूर्ति निर्माण और व्यवसाय की कमर तोड़ दी है।
मूर्तिकार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव हो रहे हैं ,बाजार में रौनक है ,सभी कार्यालय खुले हुए हैं, सरकारी कर्मचारी को समय पर वेतन मिल जाता है लेकिन हम मूर्तिकारों का क्या कसूर जो 3 साल से ग्राहकों की बाट जोहे हुए हैं , उन्होंने यह भी कहा कि कर्ज लेकर मूर्ति का निर्माण किए लेकिन कर्ज चुकाना भी काफी परेशानी का सबब बनता जा रहा है।