सरकारी दफ्तरों में अक्सर घूस लेने की खबरे सामने आती रहती है. अधिकतर रिश्वत कोने में या टेबल के नीचे से ली और दी जाती है. क्योकिं निगरानी और दूसरी एजेंसियां घूसखोर को रंगेहाथ पकड़ने में लगी हुई है और रेड कर रही है. लेकिन बिहार के थानेदार ने हद पार क्र दी. यह थानेदार कैश नहीं होने पर पेटीएम से भी रिश्वत ले लेता था. इस तरह आन रिकार्ड रिश्वत लेने वाले थानेदार का मामला चर्चा में तब आया, जब बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यालय तक पहुंच गयी.
जानकरी के अनुसार विवादित जमीन की चारदीवारी निर्माण कराने के लिए इस दरोगा ने पार्टी से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. रिश्वत देने वाला भी बड़ा चालाक था. उसने थानेदार को पेटीएम से घूस के पैसे लेने के लिए राजी कर लिया. सबसे पहले उसने 15 हजार रुपए थानेदार को पेटीएम के जरिए दे दिए. और पैसे बाद में देने की बात कही. और यही पर थानेदार फंस गया. जब उसने बाकी के पैसे नहीं दिए तो थानेदार प्राथमिकी दर्ज करने की बात करने लगा. विवाद बढ़ा तो इसकी शिकायत मुख्यमंत्री ऑफिस तक पहुंच गई.
इस मामले में करताहां थानाध्यक्ष गौरव कुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है. सपी मनीष ने निलंबन की यह कार्रवाई धनुषी गांव के बिट्टू कुमार की शिकायत पर की है. थानाध्यक्ष ने शेष राशि नहीं देने पर बिट्टू कुमार को FIR दर्ज करने की धमकी दी थी. CM ऑफिस के स्तर से मामले की जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. सदर SDPO राघव दयाल ने प्रारंभिक जांच में आरोप को सही पाया, जिसके आधार पर अब एसपी ने कार्रवाई की.