अखिल भारतीय कवि एवं संगीत सम्मेलन के तहत 11-12 मार्च को होगा भव्य बसंत गोष्ठी का आयोजन
भागलपुर में होलीकोत्सव की परंपरा को संजोते हुए मारवाड़ी युवा मंच द्वारा दो दिवसीय अखिल भारतीय कवि एवं संगीत सम्मेलन (मित्र बसंत गोष्ठी) का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 11 और 12 मार्च को शहर में साहित्य और संगीत प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव लेकर आएगा।
इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी एक प्रेस वार्ता के दौरान दी गई, जिसमें स्वागताध्यक्ष जगदीश चंद्र मिश्र ‘पप्पू’ और मीडिया प्रभारी अश्विनी जोशी ‘मोंटी’ ने बताया कि यह कार्यक्रम भागलपुर के सांस्कृतिक और साहित्यिक समृद्धि को एक नई ऊंचाई देगा। उन्होंने बताया कि इस विशेष बसंत गोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों से प्रसिद्ध कवि और कलाकार शिरकत करेंगे और अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
शहरवासियों के लिए मिलेगा कविता और संगीत का अनमोल उपहार
प्रेस वार्ता के दौरान आयोजकों ने बताया कि यह कवि सम्मेलन श्रृंगार, वीर, हास्य, और विभिन्न रसों की कविताओं से भरपूर होगा। यह आयोजन भागलपुर की छह दशक पुरानी होलीकोत्सव परंपरा को संजोते हुए नए आयाम पर ले जाएगा।
मीडिया प्रभारी अश्विनी जोशी ‘मोंटी’ ने कहा कि यह कार्यक्रम शहर के साहित्य प्रेमियों के लिए एक सुनहरा अवसर होगा, जहां उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कवियों की रचनाओं का रसपान करने का सौभाग्य मिलेगा। उन्होंने भागलपुरवासियों से अपील की कि वे इस दो दिवसीय बसंत गोष्ठी में जरूर शामिल हों और कविता व संगीत की इस अनूठी प्रस्तुति का आनंद लें।
देशभर से जुटेंगे नामचीन कवि और कलाकार
इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग हिस्सों से ख्याति प्राप्त कवि एवं गायक शामिल होंगे, जो अपनी रचनाओं और प्रस्तुतियों से इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाएंगे। सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रमुख कवियों और कलाकारों के नाम इस प्रकार हैं –
- डॉ. जानी बैरागी – अपनी ओजस्वी और प्रभावशाली कविताओं के लिए प्रसिद्ध।
- डॉ. शशिकांत यादव ‘सबरस’ – वीर रस और श्रृंगार रस की अद्भुत प्रस्तुतियां देंगे।
- सुदीप भोला – हास्य रस की कविताओं से श्रोताओं को हंसी के ठहाके लगाने पर मजबूर कर देंगे।
- गीतकार प्रियांशु गजेंद्र – अपनी शानदार रचनाओं से कार्यक्रम में मिठास घोलेंगे।
- श्रृंगार रस के भुवन मोहिनी – अपनी रोमांटिक कविताओं से माहौल को भावनात्मक बनाएंगे।
- हास्य रस के अखिलेश द्विवेदी – अपने चुटीले व्यंग्य और हास्य कविताओं से लोगों को गुदगुदाएंगे।
इसके अलावा, राजस्थान से आए अंतरराष्ट्रीय लोक गायक रोजे खां मंगनियार बाड़मेर अपनी प्रस्तुति देंगे, जो राजस्थानी लोक संगीत की खूबसूरत झलक पेश करेंगे। इसके साथ ही राजस्थानी कला मंच भी इस आयोजन को विशेष बनाएगा।
बसंत गोष्ठी: साहित्यिक परंपरा को जीवंत रखने का प्रयास
प्रेस वार्ता के दौरान स्वागताध्यक्ष जगदीश चंद्र मिश्र ‘पप्पू’ ने कहा कि इस बसंत गोष्ठी का उद्देश्य भागलपुर की साहित्यिक परंपरा को बनाए रखना और नई पीढ़ी को साहित्य एवं संगीत की विरासत से परिचित कराना है। उन्होंने कहा कि भागलपुर में साहित्य और संगीत की समृद्ध परंपरा रही है और मारवाड़ी युवा मंच इस परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम के संयोजक पवन कुमार बजाज ने बताया कि यह आयोजन होली के रंग और कविता के रस का अनूठा संगम होगा। भागलपुर में इस प्रकार के आयोजन से स्थानीय कलाकारों और साहित्यकारों को भी मंच मिलेगा, जिससे शहर की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती मिलेगी।
कविता और संगीत की होगी जुगलबंदी
इस कार्यक्रम में कविता और संगीत का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। एक ओर जहां नामचीन कवि अपनी शानदार रचनाओं से श्रोताओं का मन मोहेंगे, वहीं दूसरी ओर संगीतकार और लोक गायक अपनी प्रस्तुतियों से इस आयोजन में चार चांद लगाएंगे।
राजस्थान से आने वाले कलाकारों की प्रस्तुतियां भी इस कार्यक्रम की खास विशेषता होंगी। लोक संगीत की मधुर धुनें और कविताओं की गहराई इस आयोजन को यादगार बनाएगी।
प्रमुख आयोजकों की सूची
इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए कई गणमान्य व्यक्ति और साहित्य प्रेमी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। प्रेस वार्ता के दौरान प्रमुख रूप से उपस्थित व्यक्तियों में शामिल थे –
- स्वागताध्यक्ष – जगदीश चंद्र मिश्र ‘पप्पू’
- अध्यक्ष – रचित बजाज
- सचिव – अभिषेक बुबना
- संयोजक – पवन कुमार बजाज
- मीडिया प्रभारी – अश्विनी जोशी ‘मोंटी’
- अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता
शहरवासियों के लिए आमंत्रण
आयोजकों ने सभी भागलपुरवासियों से अपील की है कि वे इस साहित्यिक और सांस्कृतिक महोत्सव का हिस्सा बनें। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल साहित्य को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह समाज को एक सकारात्मक संदेश भी देता है।
यह बसंत गोष्ठी भागलपुर के होलीकोत्सव को और भी खास बना देगी। जहां एक ओर होली के रंग लोगों को आपस में जोड़ते हैं, वहीं कविता और संगीत का यह उत्सव दिलों को जोड़ने का काम करेगा।
निष्कर्ष
भागलपुर में आयोजित होने वाला यह दो दिवसीय अखिल भारतीय कवि एवं संगीत सम्मेलन (बसंत गोष्ठी) साहित्य, संगीत और संस्कृति के प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव साबित होगा। देशभर से आए नामी कवि और गायक अपनी प्रस्तुतियों से इस आयोजन को खास बनाएंगे।
होली के इस अवसर पर यह सम्मेलन हंसी-खुशी, ठहाकों और संगीत के मधुर सुरों से सराबोर होगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य साहित्य, कला और संस्कृति को बढ़ावा देना और भागलपुर की साहित्यिक परंपरा को बनाए रखना है।
तो आप भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनें और कविता और संगीत की इस शानदार महफिल का आनंद लें!