पटना स्थित बिहार के प्रतिष्ठित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH) एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह और भी भयावह और चिंताजनक है। अस्पताल में भर्ती एक मरीज की चार उंगलियों को चूहों द्वारा कुतर दिए जाने की घटना ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना बीते सप्ताह हुई, और चार दिन बाद अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए संबंधित वार्ड ब्वॉय को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा नर्स, हेल्थ मैनेजर और लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह दर्दनाक घटना नालंदा निवासी 55 वर्षीय मरीज अवधेश कुमार के साथ हुई। वह डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और उनका एक पैर पहले से ही कटा हुआ है। उन्हें हाल ही में अपने दूसरे पैर में आई दिक्कत के कारण NMCH के हड्डी रोग विभाग में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर शंभू कुमार की यूनिट में उनका इलाज चल रहा था। ऑपरेशन के बाद अवधेश कुमार को बेड संख्या 55 पर रखा गया था।
शनिवार की रात जब अस्पताल में सन्नाटा था, उसी दौरान चूहों ने उनके पैर को निशाना बनाया और चार उंगलियों को बुरी तरह चबा डाला। सुबह जब मरीज के परिजन उन्हें देखने पहुंचे तो उन्होंने उनके पैरों को खून से सना हुआ पाया और शोर मचाना शुरू कर दिया।
मरीज और पत्नी ने बयां किया दर्द
मरीज अवधेश कुमार ने बताया, “शनिवार की रात करीब 2 बजे पानी चढ़ रहा था। मुझे नींद आ गई। सुबह पांच बजे जब आंख खुली तो देखा तकिया खून से सना था। फिर देखा कि चूहा पैर को काटकर जा चुका था। मैं नालंदा से इलाज के लिए यहां आया था।”
वहीं उनकी पत्नी ने बताया, “रात में बुखार था। डेढ़-दो बजे दवा दी और दोनों सो गए। सुबह पांच बजे जब देखा तो पैर लहूलुहान था। चूहा काट कर चला गया था। हम इलाज के लिए आए थे, ऐसा हादसा होगा सोचा नहीं था।”
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। उपाधीक्षक डॉ सरोज कुमार ने बताया कि पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। इसमें लापरवाही की पुष्टि के बाद संबंधित हड्डी रोग विभाग के वार्ड ब्वॉय को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभाग के हेल्थ मैनेजर, लिपिक और नर्स से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसके अलावा, अस्पताल की अधीक्षक डॉ रश्मि प्रसाद ने हड्डी रोग विभाग समेत अन्य विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक कर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। दो दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल में अब लगाए जाएंगे रैट ट्रैपर्स
इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने सभी विभागों के वार्डों में रैट ट्रैपर (माउस कैचर) लगाने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। उपाधीक्षक डॉ सरोज कुमार ने कहा कि इस दिशा में तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। NMCH में इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। करीब 8 महीने पहले भी एक मृतक की आंख को चूहों द्वारा कुतर दिए जाने की खबर आई थी, जिस पर काफी हंगामा हुआ था। मृतक के परिजनों ने तब अस्पताल कर्मियों पर आंख निकालने का भी आरोप लगाया था।
तेजस्वी यादव का हमला
इस पूरे मामले पर बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा, “पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती दिव्यांग मरीज, जो रात में गहरी नींद में थे, उनके पैर की उंगलियों को चूहा कुतर गया। इसी अस्पताल में पहले भी मृतक की आंख को चूहा कुतर चुका है। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई। ये घटना स्वास्थ्य व्यवस्था पर करारा तमाचा है।”
उन्होंने आगे कहा कि “RSS-BJP के सीएम के राज में चूहों का आतंक कोई नई बात नहीं है। यह प्रशासनिक लापरवाही और संवेदनहीनता की चरम सीमा है।”
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने NMCH जैसे नामी सरकारी अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि ICU और वार्ड जैसी जगहों पर अगर चूहे घुसकर मरीजों को घायल कर सकते हैं तो क्या वहां इलाज कराने आए लोगों की जान सुरक्षित है?
इस मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे या यह भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा — यह आने वाला समय बताएगा। फिलहाल मरीज का इलाज जारी है और परिजन डरे और सहमे हुए हैं।
