गोपालपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत नवगछिया से तीनटंगा को जोड़ने वाली पीडब्ल्यूडी सड़क पर एक गंभीर दुर्घटना होते-होते टल गई। चपरघट गांव के समीप यह सड़क अचानक धंस गई, जिससे सड़क के बीचों-बीच एक बड़ा गड्ढा बन गया है। इस धंसान से कई राहगीर गिरकर घायल हो चुके हैं, हालांकि कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने समय रहते बैरिकेडिंग कर दी, जिससे और बड़ी दुर्घटनाएं होने से बच गईं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस सड़क पर भारी वाहनों का लगातार आवागमन हो रहा था, जिससे सड़क की नींव कमजोर हो गई। पहले यह सड़क बाढ़ के दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे बाद में संबंधित विभाग द्वारा मरम्मत कर उपयोग में लाया गया था। लेकिन स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि मरम्मत का कार्य केवल औपचारिकता तक सीमित था और इसमें गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा गया।
जिला परिषद प्रतिनिधि इंद्रजीत कुमार उर्फ बिक्कू ने कहा कि मरम्मत कार्य में भारी लापरवाही बरती गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सड़क की मरम्मत मानक के अनुरूप नहीं की गई और सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई, जिसके कारण आज यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए और सड़क की मरम्मत दोबारा गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराई जाए।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस गड्ढे की वजह से बाइक सवार व पैदल यात्री गिरकर चोटिल हो रहे हैं। गांव वालों ने मिलकर ईंट-पत्थरों से बैरिकेडिंग की है ताकि अन्य वाहन चालकों को समय रहते खतरे का आभास हो जाए। लेकिन यह अस्थायी व्यवस्था ज्यादा समय तक प्रभावी नहीं हो सकती। लोगों में डर है कि अगर जल्दी ही मरम्मत नहीं हुई, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
गोपालपुर के बीडीओ निशांत कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि विभाग को सूचना दे दी गई है और जल्द ही क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता है और जब तक स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक खतरे वाले स्थान पर चेतावनी बोर्ड व संकेतक लगाए जाएंगे।
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की बदहाल स्थिति और उनमें हो रहे निम्न गुणवत्ता के निर्माण कार्यों की पोल खोल दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कितनी तेजी से इस समस्या का समाधान करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।