**भागलपुर:** शहर के ज़ीरोमाइल थाना क्षेत्र में एक विकलांग महिला के घर चोरी होने का मामला सामने आया है। पीड़िता श्रेया रानी के अनुसार, जब वह अपनी बीमार बहन को देखने नाथनगर गई थीं, तब उनके घर का ताला बंद था, लेकिन जब वह वापस लौटीं, तो घर से लाखों रुपए के सामान, सोने-चांदी के गहने, स्कूटी और महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी हो चुके थे। 

पीड़िता ने इस चोरी का आरोप अपने ही रिश्तेदारों पर लगाया है। उन्होंने बताया कि घर जाने से पहले उन्होंने अपनी भाभी कंचन देवी को सूचित किया था, लेकिन जब वह वापस आईं, तो सारा सामान गायब था। मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने जब वह ज़ीरोमाइल थाना पहुंचीं, तो पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन का हवाला देकर कार्रवाई से इनकार कर दिया। इस स्थिति से निराश होकर श्रेया रानी ने आईजी के पास आवेदन देने का फैसला किया। 

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### **चोरी की पूरी घटना** 

पीड़िता श्रेया रानी, जो शारीरिक रूप से विकलांग हैं, अपने जीवन में पहले ही कई मुश्किलों का सामना कर रही थीं। वह अपनी बेटी के साथ रहती हैं और किसी तरह अपने जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रही हैं। 

उन्होंने बताया, “मेरे जीजा अशोक कुमार का फोन आया और उन्होंने कहा कि मेरी बहन की तबीयत बहुत खराब है, इसलिए मुझे तुरंत नाथनगर आना चाहिए। अपनी बहन की तबीयत को लेकर मैं चिंतित थी, इसलिए मैंने सारे काम छोड़कर तुरंत अपनी बेटी के साथ वहां जाने का फैसला किया।” 

घर छोड़ने से पहले उन्होंने अपने घर का ताला बंद किया और अपनी भाभी कंचन देवी को सूचित भी किया। लेकिन जब वह कुछ समय बाद लौटकर आईं, तो उनके होश उड़ गए। 

“बरामदे का ताला ठीक वैसे ही था जैसा मैं छोड़कर गई थी। लेकिन जब मैंने ताला खोला और अंदर गई, तो देखा कि मेरी स्कूटी, सोने-चांदी के गहने, मेरी शैक्षणिक योग्यता के प्रमाणपत्र, स्वास्थ्य से जुड़े दस्तावेज और मेरे पिता जी द्वारा दी गई जमीन के दस्तावेज—all चोरी हो चुके थे। यह सब मिलाकर करीब 8 लाख रुपये के बराबर का सामान था,” श्रेया रानी ने बताया। 

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### **रिश्तेदारों पर लगाया चोरी का आरोप** 

श्रेया रानी का दावा है कि उनकी अनुपस्थिति में यह चोरी उनकी भाभी कंचन देवी और अन्य पारिवारिक सदस्यों ने की है। उन्होंने बताया कि जब वह घर छोड़कर गई थीं, तब उन्होंने स्पष्ट रूप से अपनी भाभी को इसकी सूचना दी थी। लेकिन जब वह वापस आईं और चोरी की जानकारी मिली, तो भाभी का रवैया अजीब था। 

“जब मैंने अपनी भाभी से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मुझे संदेह है कि उन्होंने ही यह चोरी की है,” श्रेया रानी ने कहा। 

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### **थाने में नहीं मिली सुनवाई** 

घटना के बाद श्रेया रानी ने हिम्मत जुटाकर ज़ीरोमाइल थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचीं। लेकिन वहां उन्हें निराशा ही हाथ लगी। 

उन्होंने बताया, “थाने में जब मैं शिकायत दर्ज कराने गई, तो थानेदार ने मुझसे कहा कि अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हो रहा है, इसलिए वे कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। उन्होंने मुझे बाद में आने के लिए कहा।” 

इस तरह पुलिस की बेरुखी ने पीड़िता को और अधिक दुखी कर दिया। उन्होंने कहा कि जब किसी गरीब और विकलांग महिला के साथ अन्याय होता है और पुलिस भी उसकी मदद नहीं करती, तो फिर वह न्याय के लिए कहां जाए? 

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### **आईजी से लगाई न्याय की गुहार** 

पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज न करने पर श्रेया रानी ने उच्च अधिकारियों के पास जाने का निर्णय लिया। 

“अब मेरे पास कोई और चारा नहीं था। इसलिए मैं आईजी साहब के पास आवेदन देने जा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि कम से कम वहां मेरी बात सुनी जाएगी और मुझे न्याय मिलेगा,” उन्होंने कहा। 

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### **पीड़िता की अपील और न्याय की उम्मीद** 

श्रेया रानी ने प्रशासन और समाज से अपील की है कि उनकी मदद की जाए। उन्होंने कहा कि वह पहले से ही विकलांग होने के कारण कई समस्याओं से जूझ रही हैं, और अब चोरी की इस घटना ने उन्हें पूरी तरह असहाय बना दिया है। 

“मैं विकलांग हूं, मेरी बेटी भी छोटी है। मेरे पास अब कुछ भी नहीं बचा है। अगर मुझे न्याय नहीं मिला, तो मैं आगे कैसे जिऊंगी?” श्रेया रानी ने रोते हुए कहा। 

अब यह देखना बाकी है कि क्या पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी या फिर पीड़िता को और भी अधिक संघर्ष करना पड़ेगा।

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