बिहार में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बात हम खगडि़या जिले की कर रहे हैं। यहां गंगा और बूढ़ी गंडक तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। खगडिय़ा के खारा धार स्लूस गेट के पास गंगा निशान से मात्र 0.61 मीटर नीचे है।
खगडिय़ा। बिहार में बाढ : खगडिय़ा में कोसी और बागमती अब राहत देती नजर आ रही है। दोनों के जलस्तर में कमी के संकेत हैं। दोनों खतरे के निशान से नीचे बह रही है। परंतु, कटाव कर रही है। कोसी की कटाव से बारुण बांध पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। लगातार यहां कोसी कटाव कर रही है। नदी धीरे-धीरे बांध की ओर बढ़ रही है। दूसरी ओर गंगा और बूढ़ी गंडक का बढऩा जारी है। दोनों खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के आइने में नदियां
23 अगस्त को बाढ़ नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन ने जो रिपोर्ट जारी की है, उस अनुसार बागमती नदी के जलस्तर में कमी आ रही है। टेंडेंसी घटने की है। खगडिय़ा के संतोष स्लूस गेट के पास बागमती मंगलवार की सुबह खतरे के निशान से 0.40 सेंटीमीटर नीचे थी। बीते 24 घंटे, सोमवार की सुबह आठ बजे से मंगलवार की सुबह आठ बजे तक बागमती के जलस्तर में 21 सेंटीमीटर की कमी आई है। कोसी खगडिय़ा के बलतारा में खतरे के निशान से 0.45 सेंटीमीटर नीचे है। टेंडेंसी घटने की है। बीते 24 घंटे में कोसी के जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की कमी आई है।
दूसरी ओर बूढ़ी गंडक खगडिय़ा में बढ़ रही है। मंगलवार को खगडिय़ा के अघोरी स्थान के पास बूढ़ी गंडक का जलस्तर 36.11 मीटर दर्ज किया गया। यहां डेंजर लेवल 36.60 मीटर है। कहने का मतलब बूढ़ी गंडक खगडिय़ा में खतरे के निशान से मात्र 0.49 सेंटीमीटर नीचे हैं। बीते 24 घंटे में बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 31 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। खगडिय़ा के खारा धार स्लूस गेट के पास गंगा का बढऩा जारी है। मंगलवार को यहां गंगा का जलस्तर
33.46 मीटर दर्ज किया गया। डेंजर लेवल 34.07 मीटर है। बीते 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 39 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। गंगा अब खतरे के निशान से यहां मात्र 0.61 सेंटीमीटर नीचे है।
कोसी और बागमती के जलस्तर में कमी आई है। लेकिन खगडिय़ा में बूढ़ी गंडक बढ़ रही है। यहां गंगा का भी बढऩा जारी है। गंगा हाथीदह और मुंगेर में भी बढ़ रही है। गंगा के बैक वाटर का प्रभाव खगडिय़ा में बूढ़ी गंडक पर पड़ता है। क्योंकि यहां बूढ़ी गंडक गंगा से संगम करती है। – अख्तर जमील, अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगडिय़ा।