भागलपुर जिले का खुटाहा गांव एक विशेष पहचान रखता है। यह गांव न केवल देश की सीमा की रक्षा करने वाले वीर फौजियों का गांव कहा जाता है, बल्कि मेहनतकश किसानों की भी धरती है। ‘जय जवान, जय किसान’ की भावना को यह गांव सचमुच अपने जीवन में उतारता है। यहां एक ओर देश की सेवा करने वाले सैकड़ों सैनिक हैं, तो दूसरी ओर खेतों में पसीना बहाने वाले किसान। लेकिन दुर्भाग्यवश, यह मेहनतकश किसान समुदाय आज भी बिजली, सिंचाई और मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है।
इन्हीं समस्याओं को जानने और ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से कांग्रेस नेता **प्रवीण सिंह कुशवाहा** मंगलवार को खुटाहा गांव पहुंचे। गांव में उनका स्वागत बड़े ही देसी और आत्मीय अंदाज में किया गया। ग्रामीणों ने लुंगी, गंजी और कंधे पर गमछा डालकर उनका पारंपरिक रूप से अभिनंदन किया। इस सादगी और अपनत्व से भरे माहौल में नेता और जनता के बीच की दूरी मानो खुद-ब-खुद मिट गई।
कार्यक्रम की शुरुआत गांव के पारंपरिक त्योहार **’बाबा बिशू पूजा’** से हुई। यह पर्व यहां के किसानों का प्रतीक पर्व माना जाता है, जो कृषि संस्कृति और लोक आस्था का अद्भुत संगम है। प्रवीण सिंह कुशवाहा ने भी ग्रामीणों के साथ मिलकर बाबा बिशू की पूजा की और गांव की समृद्धि की कामना की। पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने गांव के लोक गायक दल के साथ ताल में ताल मिलाकर भक्ति लोकगीतों में भाग लिया, जिसमें ‘हर खेत को पानी मिले, हर किसान को सम्मान मिले’ जैसे गीतों की गूंज सुनाई दी।
कार्यक्रम के दौरान गांव के किसानों ने कांग्रेस नेता को अपनी कई समस्याएं भी बताईं। उन्होंने कहा कि खेतों तक बिजली नहीं पहुंचती, समय पर सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं होती, सड़कों की हालत खराब है और सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों को नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कई बार आवेदन देने के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ।
इन बातों को गंभीरता से सुनते हुए प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा,
**“मैं सिर्फ सुनने नहीं आया हूं, मैं आपकी आवाज बनकर जिला प्रशासन और सरकार तक आपकी समस्याएं पहुंचाऊंगा। जब तक आपकी मांगों का समाधान नहीं हो जाता, मैं लगातार आपके साथ खड़ा रहूंगा। एक किसान का बेटा होने के नाते, आपकी पीड़ा को मैं भलीभांति समझ सकता हूं।”**
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जल्द ही एक प्रतिनिधि मंडल बनाकर जिला अधिकारी से मिलेंगे और बिजली-पानी सहित अन्य समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग करेंगे। उन्होंने युवाओं से भी आग्रह किया कि वे कृषि के साथ-साथ तकनीक और स्वरोजगार की ओर भी कदम बढ़ाएं।
खुटाहा गांव में हुए इस जनसंवाद कार्यक्रम ने न केवल ग्रामीणों को हौसला दिया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि सादगी, सम्मान और संवेदना से नेता और जनता के बीच की खाई को पाटा जा सकता है। कार्यक्रम का समापन गांव की महिलाएं और बुजुर्गों द्वारा दी गई आशीर्वाद और “जय जवान, जय किसान” के जयघोष के साथ हुआ।
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