भागलपुर जिले के नवगछिया थाना क्षेत्र अंतर्गत इस्माइलपुर पश्चिमी भिट्ठा के पछियाड़ी टोला में मातम पसरा हुआ है। गांव के लाल, संतोष यादव ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। सोमवार देर रात जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान वे शहीद हो गए। इस हृदयविदारक खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

मंगलवार को जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची, हर आंख नम हो गई। घर-परिवार, रिश्तेदार, पड़ोसी सभी शहीद संतोष यादव के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि देने लगे। गांव का हर व्यक्ति गर्व से सिर ऊंचा किए हुए कह रहा था, “संतोष यादव अमर रहें।” संतोष यादव की शहादत पर पूरे इलाके को जहां गर्व है, वहीं उनके परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद की पत्नी, माता-पिता और मासूम बच्चों की हालत देखकर हर किसी की आंखें भर आईं।

इसी बीच, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव शहीद के परिजनों से मिलने गांव पहुंचे। उन्होंने शहीद संतोष यादव की पत्नी को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी और भरोसा दिलाया कि उनके बच्चों की पढ़ाई और पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी वे खुद उठाएंगे। पप्पू यादव ने खास तौर पर शहीद की बड़ी बेटी को दारोगा बनाने का वादा करते हुए कहा कि वे उसके भविष्य को संवारने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

गांव में पप्पू यादव के आगमन पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोग उनके भाषण को ध्यानपूर्वक सुनते रहे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि देश के जवान आए दिन शहीद हो रहे हैं और सरकारें सिर्फ औपचारिक बयानबाज़ी कर रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि शहीद संतोष यादव के परिवार को कम से कम चार करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी जाए, शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए और उनके सभी बच्चों को भविष्य में रोजगार की गारंटी मिले।

उन्होंने सरकार से सवाल किया, “कब तक हमारे जवान यूं ही शहीद होते रहेंगे? क्या उनका बलिदान सिर्फ मीडिया की सुर्खियों तक सीमित रह जाएगा? आखिर कब जागेगी सरकार?” पप्पू यादव ने यह भी कहा कि जब तक सरकार शहीद परिवार के साथ न्याय नहीं करती, वे चुप नहीं बैठेंगे।

गांव के लोगों ने एक सुर में कहा – “जब तक सूरज चांद रहेगा, संतोष तेरा नाम रहेगा।” इस भावनात्मक पल में गांव ने एकजुट होकर दिखा दिया कि देश के लिए जान देने वालों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

शहीद संतोष यादव के अंतिम संस्कार की तैयारी पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जा रही है। सेना, प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि अंतिम विदाई में मौजूद रहेंगे। संतोष यादव ने देश के लिए जो बलिदान दिया है, वह आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

**“संतोष यादव अमर रहें” – यही आज पूरे गांव की आवाज़ है।**

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