भागलपुर जिले के गोराडीह थाना क्षेत्र के खरामा गांव में “जोरू, जमीन और जोर” वाली कहावत एक बार फिर सच होती नजर आ रही है। यहां एक महिला ने ससुराल पक्ष पर धोखे से उसकी हिस्से की जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता रूबी देवी का कहना है कि उसके देवर बालेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी पूनम देवी ने साजिश के तहत उसकी सास सोना देवी से उसके हिस्से की जमीन अपने नाम लिखवा ली।
रूबी देवी के अनुसार, घर के आगे की जमीन जो उनके हिस्से में आती थी, उसे धोखे से लिखवा लिया गया। इतना ही नहीं, कमरूचक मौजा में स्थित जमीन भी अपने नाम करवा ली गई। पीड़िता ने बताया कि उसका पति मोहन प्रसाद सिंह रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली में रहकर काम करता है। घर की पूरी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है। उसके दो पुत्र और एक पुत्री हैं और अब जमीन छिन जाने के बाद परिवार के भरण-पोषण की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
पीड़िता रूबी देवी ने रोते हुए कहा कि जमीन ही उनके परिवार की आजीविका का एकमात्र सहारा थी। अब जब वही जमीन छीन ली गई है, तो उनके सामने बच्चों के भविष्य और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़क पर आने को मजबूर हो जाएंगी।
इस पूरे मामले में पीड़िता की सास सोना देवी ने भी बहू के आरोपों की पुष्टि की है। सोना देवी का कहना है कि उन्हें धोखे से भागलपुर ले जाया गया, जहां बालेश्वर प्रसाद सिंह की पत्नी ने कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। उन्हें यह जानकारी ही नहीं थी कि वे किस जमीन का बंटवारा या रजिस्ट्री कर रही हैं। बाद में जब उन्हें सच्चाई पता चली, तो उन्हें भी गहरा सदमा लगा।
पीड़िता और उसकी सास दोनों ने इस पूरे मामले को सरासर नाइंसाफी बताया है। फिलहाल पीड़िता न्याय के लिए प्रशासन और पुलिस की चौखट पर जाने की तैयारी में है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर पारिवारिक और जमीन विवाद के मामले में क्या कार्रवाई करता है और पीड़िता को कब तक न्याय मिल पाता है।
