पानी में डुबाकर चूहे की हत्या करने के जुर्म में एक युवक को पुलिस ने पकड़ लिया। उसे हिरासत में लेकर करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गई। मामला यूपी के बदायूं का है। उसकी शिकायत एक पशु प्रेमी ने पुलिस से की थी। इसके बाद पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। मामला पशु क्रूरता से जुड़ा है, इसलिए शव का पोस्टमॉर्टम होना जरूरी है। इसका खर्च शिकायतकर्ता ही उठा रहा है।

चूहे का पोस्टमॉर्टम हुआ, 7 दिन में आएगी रिपोर्ट
सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने चूहे का पोस्टमॉर्टम करवाया है। हालांकि, इसका पूरा खर्च शिकायतकर्ता पशु प्रेमी विकेंद्र सिंह ने उठाया। एंबुलेंस नहीं थी तो उन्होंने चूहे के शव को करीब 50 किलोमीटर दूर बदायूं से बरेली भेजने के लिए AC कार का किराया 1500 रुपए दिया। AC कार इसलिए ताकि बॉडी डीकम्पोज्ड न हो। पोस्टमॉर्टम के लिए 225 रुपए की रसीद भी कटवाई। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एक हफ्ते बाद आएगी।

चूहे की पूंछ को पत्थर से बांधकर नाले में फेंका
मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पनवड़िया का है। विकेंद्र सिंह के मुताबिक, आरोपी मनोज चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर उसे नाले में डूबा रहा था। मना किया तो उसने चूहे को नाले में फेंक दिया। फिर उसे धागे के सहारे बाहर खींचा और फिर से नाले में फेंका। वह ऐसा कई बार करता रहा, जिससे चूहा मर गया।

पशुओं के साथ क्रूरता न करना नागरिकों का मूल कर्तव्य
हमारे संविधान में हर नागरिक के लिए अधिकारों के साथ कुछ मूल कर्तव्य भी बताए गए हैं। इन्हीं कर्तव्यों में से एक है पशुओं के साथ पशुता ना करना। संविधान के अनुच्छेद 51(A) के तहत हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है।

भारतीय वन संरक्षण अधिनियम 1971 के मुताबिक पशुओं का शिकार करना, उनसे करतब कराना या देखना, उनकी निर्मम हत्या करना जघन्य अपराधों की श्रेणी में आते हैं। ऐसा करने के आरोपी को 3 साल की जेल और ₹10 हजार का जुर्माना देने का प्रावधान है।

साथ ही, IPC की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी व्यक्ति ने जानवर को जहर दिया या किसी अन्य तरीके से हत्या की, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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