एनसीईआरटी की क्लास 12 की राजनीति विज्ञान की किताब में 15 सालों से अधिक समय से गांधीजी से संबंधित चैप्टर पढ़ाया जा रहा था. अब इसके कुछ अंशों को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया. ऐसा ही 12वीं क्लास की इतिहास की पाठ्यपुस्तक से हुआ, वहां से भी चुपचाप गांधीजी से संबंधित अंश हटा दिया गया, जिसमें गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को “पुणे के एक ब्राह्मण” और “एक चरमपंथी हिंदू समाचार पत्र का संपादक लिखा गया था. नाथूराम गोडसे द्वारा ये उद्धृत किया गया कि गांधीजी को मुसलमानों का तुष्टीकरण करने वाले थे.

पिछले साल एनसीईआरटी ने कुछ चैप्टर्स हटाने की बात कही थी
एनसीईआरटी ने किताबों से जिन सामग्री को हटाने की सूची पिछले साल जून में जारी की, उसमें इनका आधिकारिक तौर पर उल्लेख नहीं किया गया था. राष्ट्रीय अंग्रेजी समाचार पत्र “इंडियन एक्सप्रेस” ने अपनी पड़ताल के बाद इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की. जिसमें कहा गया कि कैसे एनसीईआरटी ने अपनी नई रिप्रिंट किताबों से गांधीजी की हत्या और गुजरात दंगों के कुछ अंश चुपचाप हटा दिये, जिसकी आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई.

तब एनसीईआरटी ने क्या तर्क दिया था
पिछले साल एनसीईआरटी ने कहा था कि कोविड 19 के कारण स्टूडेंट्स पर दबाव बढ़ गया,लिहाजा पाठ्यक्रम के बोझ कम करने के लिए कुछ बातों को युक्तिसंगत तरीके से पाठ्यक्रम से हटाया जा रहा है. फिर एनसीईआरटी ने अपनी वेबसाइट पर एक बुकलेट के माध्यम से हटाए कंटेंट की जानकारी साझा की गई. इसे सभी स्कूलों को भी भेजा गया.

एनसीईआरटी की टेक्स्ट बुक में जो बदलाव हुए, वो पिछले साल कम समय के कारण रिप्रिंट नहीं हो पाए. लेकिन अब 2023-24 के शैक्षिक सत्र के लिए नई रिप्रिंट बुक्स बाजार में उपलब्ध हैं.

गुपचुप हटाए गए गांधीजी की हत्या से संबंधित कुछ अंश
नई किताबें छपकर आने के बाद पाया गया कि गांधीजी से संबंधित चैप्टर्स में कई अंश बगैर जानकारी के हटा दिये गए, जब ये पूछा गया कि महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित बदलाव जून 2022 में जारी एनसीईआरटी के आधिकारिक बुकलेट में क्यों नहीं आए जबकि पुनर्मुद्रित पाठ्यपुस्तकों में इन्हें नहीं शामिल किया गया तो एनसीईआरटी के निदेशक डीएस सकलानी ने ये कहा कि ये जो कुछ भी हुआ, वो नया नहीं है, ये सब पिछले साल ही हुआ है.

एनसीईआरटी के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी के प्रमुख एपी बेहेरा ने कहा, ‘हो सकता है कि निरीक्षण के कारण कुछ चीजें टेबल से छूट गई हों, लेकिन इस साल कोई नया बदलाव नहीं किया गया, यह सब पिछले साल हुआ था.”

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