आपने कई बार अनुभव किया होगा कि किसी से झगड़ा होने के बाद दिल और दिमाग कितना डिस्टर्ब हो जाता है। लेकिन जहां आप उस व्यक्ति की गलती भूलाकर उसे माफ करने की सोच लेते हैं आपका दिमाग एक तरह की शांति महसूस करने लगता है। रिश्ता कोई भी हो जब तक उसमें प्यार,समर्पण और क्षमा का भाव नहीं होता है तो वो लंबे समय तक टिका नहीं रह सकता है। किसी भी रिश्ते को लंबा और खुशहाल बनाए रखने के लिए उसमें माफी का बहुत बड़ा हाथ होता है। एक दूसरे के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने और जीवन में सफलता हासिल करने के लिए माफी बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। ऐसे में आइए जानते हैं रिश्ते में आसानी से माफ करने वाले पार्टनर को क्या गजब के फायदे होते हैं।
रिश्ते में बना रहता है प्यार- कई बार आपके अपने अनजाने में ही आपके दिल को चोट पहुंचा देते हैं। ऐसे में उन्हें समझते हुए अपने रिश्ते में प्यार और मजबूती बनाए रखने के लिए भी व्यक्ति को एक दूसरे को क्षमा कर देना चाहिए।
अपमानजनक रिश्ते से भी होता है बचाव- जब आप दूसरों को माफ करना सीख जाते हैं तो इस सफर में आप खुद को भी अपमानजनक संबंधों से बाहर निकाल पाने में सफल हो जाते हैं। हालांकि इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि किसी भी रूप में किसी के दुर्व्यवहार या हिंसा को सहन करना चाहिए या फिर अगर किसी ने आपके साथ कुछ गलत किया गया है तो उसका विरोध न करना। क्षमा करने का अर्थ है कि समय आने पर आप अपने जीवन से सारी नेगेटिविटी दूर करने का निर्णय ले लेते हैं।
भावनात्मक स्वतंत्रता देती है माफी- जीवन में न सिर्फ आगे बढ़ने बल्कि भावनात्मक स्वतंत्रता पाने के लिए भी दूसरे व्यक्ति को माफ करना बेहद जरूरी होता है। आप तभी अपने जीवन को सफल बना सकते हैं जब आपके भीतर दूसरों को माफ करने का गुण मौजूद हो। हालांकि ऐसा करते समय दूसरों की गलती से मिले अनुभव को हमेशा याद रखें। ताकि अगली बार कोई आपकी भावनाओं के साथ न खेल सकें। याद रखें, क्षमा करें लेकिन भूले नहीं।
आपकी सेहत को बनाए रखती है क्षमा- किसी व्यक्ति को उसकी गलती पर क्षमा करने से न सिर्फ व्यक्ति को भावनात्मक सुकून मिलता है बल्कि ऐसा करके अनजाने में ही सही वो अपनी सेहत का ख्याल रखता है। कई शोध बताते हैं कि किसी व्यक्ति के प्रति अपने दिल से सारी बुरी भावनाओं को निकालकर अगर आप उसे माफ कर देते हैं तो आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार हो सकता है। ऐसा करके आप बदन दर्द, सिरदर्द और रक्तचाप को भी कम करके दिल के दौरे के जोखिम को भी कम कर सकते हैं।