मुजफ्फरपुर में पुलिस और कुख्यात अपराधी ‘राइडर’ के बीच मुठभेड़, पैर में लगी गोली
मुजफ्फरपुर, बिहार: मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को पुलिस और एक कुख्यात अपराधी राहुल कुमार उर्फ ‘राइडर’ के बीच उस समय मुठभेड़ हो गई, जब पुलिस उसे उसके साथियों की निशानदेही पर पकड़ने ले जा रही थी। इस मुठभेड़ में ‘राइडर’ के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राहुल कुमार हत्या और लूट के कई मामलों में वांटेड था और लंबे समय से फरार चल रहा था।
कैसे हुई मुठभेड़ की शुरुआत?
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पुलिस ने कुख्यात अपराधी राहुल कुमार उर्फ ‘राइडर’ को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसकी निशानदेही पर उसके अन्य साथियों को पकड़ने के लिए सरैया थाना क्षेत्र के काली स्थान स्थित उसके सहयोगी अपराधी प्रिंस की गिरफ्तारी के लिए जा रही थी।

रास्ते में राहुल कुमार ने पेशाब का बहाना बनाया और पुलिस वैन को रुकवाया। जैसे ही गाड़ी रुकी और वह नीचे उतरा, उसने अचानक पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। भागने के दौरान उसने पुलिसवालों पर फायरिंग भी शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने चलाई गोली
अपराधी द्वारा की गई फायरिंग के जवाब में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई। बताया जाता है कि पुलिस और बदमाश के बीच लगभग 12 राउंड गोली फायरिंग हुई। इस दौरान पुलिस की गाड़ी भी थोड़ी क्षतिग्रस्त हुई।
मुठभेड़ के क्रम में पुलिस की एक गोली ‘राइडर’ के पैर में लगी, जिसके बाद वह वहीं गिर पड़ा। इसके तुरंत बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। घायल अपराधी को तत्काल स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) ले जाया गया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच (श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल) रेफर कर दिया गया।
कौन है कुख्यात राहुल उर्फ ‘राइडर’?
राहुल कुमार उर्फ ‘राइडर’ जिले के सरैया थाना क्षेत्र के मुंगौली गांव का रहने वाला है। वह कई गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित था, जिनमें लूट और हत्या के आरोप शामिल हैं। ‘राइडर’ पिछले कई महीनों से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था और उसकी तलाश लगातार जारी थी।
ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि राहुल कुमार उर्फ ‘राइडर’ पूर्व में जैतापुर थाना क्षेत्र में फायरिंग के एक मामले में भी वांटेड था। इसके अलावा, कुछ समय पहले जैतपुर में हुई एक पिकअप लूटकांड में भी वह शामिल था।
ग्रामीण एसपी का बयान: “यह कोई एनकाउंटर नहीं, नियंत्रित फायरिंग थी”
ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने इस घटना को ‘नियंत्रित फायरिंग’ बताया और स्पष्ट किया कि यह कोई एनकाउंटर नहीं था। उन्होंने कहा कि पुलिस टीम आरोपी की निशानदेही पर उसके सहयोगी अपराधी प्रिंस को पकड़ने जा रही थी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही प्रिंस फरार हो गया था।
एसपी ने राहुल कुमार के आपराधिक इतिहास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ‘राइडर’ के खिलाफ 443/24 थाना में एक कांड दर्ज है। इसके अलावा, उन्होंने एक चौंकाने वाली जानकारी देते हुए बताया कि राहुल कुमार को पहले भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह 18 सितंबर 2024 को शौच के बहाने सरैया थाना से भाग गया था। उस घटना के संबंध में भी उसके खिलाफ 449 पुलिस केस दर्ज किया गया था। तब से पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी।
इस मुठभेड़ से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में अपराधी बेखौफ होकर पुलिस पर हमला करने से भी नहीं हिचक रहे हैं, और पुलिस को भी ऐसे अपराधियों से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी पड़ रही है। घायल ‘राइडर’ से पूछताछ के बाद उसके अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी में भी मदद मिल सकती है।
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