भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय खजुरिया के प्रधानाध्यापक मो आजम खां ने आज स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर उल्टा झंडा फहरा कर संविधान के नियम को तार तार कर दिया।बताते चलें कि महाशय को यह पता होना चाहिए कि तिरंगा झंडा का अपमान देश द्रोह से कम नहीं है
इसके लिए महाशय को संविधान के तहत कड़ी से कड़ी सजा दी जा सकती है।जो व्यक्ति तिरंगे झंडे का मोल नहीं समझता उसे मालूम होना चाहिए कि यूक्रेन युद्ध से वही छात्र और व्यक्ति वापस लौट पाया जिसका शरीर तिरंगा से लिपटा था।
तिरंगा झंडा फहराना कोई मजाक नहीं बल्कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को कायम रखना है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक मो आजम खां ने उल्टा तिरंगा फहरा कर जो जघन्य अपराध किया है उसे भारत का संविधान और कानून क्या सजा सुनाती है।