इस व्यवस्था से म्युटेशन के जो आवेदन पहले आएंगे उसका निपटारा पहले करना अब अंचल कर्मियों की होगी मजबूरी

ऑनलाइन दाखिल-खारिज के मामलों में अंचल कर्मियों की मनमानी को लेकर विभाग गंभीर है। इसपर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही फीफो लागू करने पर विचार किया जा रहा है। FIFO यानि पहले आओ पहले पाओ। यह व्यवस्था लागू करने के बाद म्युटेशन के जो आवेदन पहले आएंगे उसका निपटारा पहले करना अंचल कर्मियों की मजबूरी होगी। इससे अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारी और डाटा इंट्री ऑपरेटरों जैसे अंचलकर्मी म्युटेशन के मामलो में पिक एंड चूज नहीं कर पाएंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में इस विषय की समीक्षा की और विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

प्राप्त इनपुट के आधार पर इसे पूरे बिहार के सभी 534 अंचलों में लागू किया जाएगा


फीफो को पहले मॉडल के तौर पर कुछ अंचलों पर लागू किया जाएगा और फिर उससे प्राप्त इनपुट के आधार पर इसे पूरे बिहार के सभी 534 अंचलों में लागू किया जाएगा। बैठक में उन अंचलों के बारे में चर्चा की गई जिनमें प्रारंभिक तौर पर फीफो को लागू किया जा सकता है। फीफो को शुरूआत में हाजीपुर, समस्तीपुर, भागलपुर, सीवान और नवादा के कुछ अंचलों में लागू करने की संभावना पर विचार किया गया। इनमें कुछ बड़े तो कुछ छोटे जबकि कुछ सदर और कुछ दूर-दराज के अंचल हैं।

भूमि सुधार मंत्री ने आमलोगों की शिकायतों के समाधान की ई-मेल और व्हाट्सअप नंबर जारी करने का दिया निदेश

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने आमलोगों की शिकायतों के समाधान की विभागीय व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने लोगों की शिकायतों को सूचीबद्व करने के लिए ई-मेल और व्हाट्सअप नंबर जारी करने का निदेश दिया साथ ही शिकायतों के समय सीमा के भीतर निपटारे की मुकम्मल व्यवस्था करने का भी निदेश दिया। इसके लिए विभाग में एक सेल बनाने का आदेश दिया गया जो ऑनलाइन माध्यम से आई शिकायतों के निपटारे की मॉनिटरिंग करेगी।

बगैर वाजिब कारण के दाखिल खारिज के मामलों को अस्वीकृत नहीं किया जाएगा- मंत्री

मंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि बगैर वाजिब कारण के दाखिल खारिज के मामलों को अस्वीकृत नहीं किया जाए। अगर सही वजहों से दाखिल खारिज के किसी मामले को अस्वीकृत करना अगर आवश्यक हो तो भी उसके बारे में विस्तार से और लिखित में बताया जाए। साथ ही अस्वीकृत करने से पहले जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए आवेदक को एक मौका जरूर दिया जाए।

अंचल कार्यालय समेत सभी राजस्व कार्यालयों में किसी भी मामले की सुनवाई दोबारा नहीं होगी।

अंचल कार्यालय समेत सभी राजस्व कार्यालयों में किसी भी मामले की सुनवाई दोबारा नहीं होगी। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि दाखिल खारिज समेत कई मामले खारिज किए जाने के बाद दोबारा दायर कर दिए जाते हैं और दूसरी बार उनका निष्पादन कर दिया जाता है। इस प्रवृति पर रोक लगाए जाने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि 30 नवंबर तक जरूरी तकनीकी उपबंध कर दिए जाएं ताकि उसके बाद इस तरह की शिकायत नहीं आए।

बगैर कारण बताए आवेदन अस्वीकृत नहीं किया जाएगा। विभाग की बदनामी कतई बर्दाश्त नहीं

मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि अंचल अधिकारी बगैर कारण बताए आवेदन अस्वीकृत कर रहे हैं जिससे विभाग की बदनामी हो रही है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग भी विभागीय स्तर से और कड़ाई से करने का निदेश भी उपस्थित अधिकारियों को दिया गया। सभी कर्मियों की जिम्मेदारी तय होगी और जो भी अंचल कर्मी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ऑपरेशन बसेरा के तहत आवंटित किसी जमीन पर अगर न्यायालय प्रक्रियाधीन हो तो तत्काल आवासन हेतु जमीन की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने हाल की कुछ घटनाओं पर चिंता जाहिर की जिसमें न्यायिक आदेशों के अनुपालन में जमीन खाली कराने के मामले सामने आए हैं। उनकी चिंता इस बात को लेकर थी कि वास भूमि खाली कराने से पहले गरीब लोगों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था नहीं की गई थी। माननीय मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निदेश दिया कि ऑपरेशन बसेरा के तहत आवंटित किसी जमीन पर अगर न्यायालय में कोई मामला प्रक्रियाधीन हो तो न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की जगह तत्काल उनके आवासन हेतु जमीन की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

जिन गरीबों के पास वास की जमीन उपलब्ध नहीं है उन्हें वास हेतु जमीन उपलब्ध कराया जाएगा।

बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने यह भी कहा कि सूबे में जिन गरीबों के पास वास की जमीन उपलब्ध नहीं है उन्हें वास हेतु जमीन उपलब्ध कराया जाएगा।


Tejashwi Yadav
#BiharRevenueLandReformsDept

By Indradev Kumar

Patrakar

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