गोपालपुर विधानसभा चुनाव परिणाम जारी होने के बाद अब लोगों की निगाहें अपने नवनिर्वाचित विधायक शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल पर टिक गई हैं। जनता का मानना है कि नए जनप्रतिनिधि उन मुद्दों को प्राथमिकता देंगे जिनकी अनदेखी के कारण यह इलाका वर्षों से विकास की मुख्यधारा से दूर रहा है। इनमें दो प्रमुख मांगें—नवगछिया को पूर्ण राजस्व जिला का दर्जा और ढोलबज्जा को स्वतंत्र प्रखंड बनाना—एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं।

नवगछिया को पूर्ण राजस्व जिला बनाने की कवायद तेज

नवगछिया वर्तमान में अनुमंडल और पुलिस जिला के रूप में कार्यरत है, लेकिन राजस्व जिला का दर्जा अब तक नहीं मिला। इसकी मांग वर्षों से चल रही है, क्योंकि भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, आर्थिक गतिविधियां और प्रशासनिक योग्यता देखते हुए नवगछिया पूर्ण जिला बनने के सभी मानकों पर खरा उतरता है। स्थानीय बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारिक संगठनों का मानना है कि जिला बनने से यहां की प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होगी और सरकारी सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।

फिलहाल छोटे-छोटे कामों के लिए भी लोगों को भागलपुर मुख्यालय पर निर्भर रहना पड़ता है। इससे समय, धन और श्रम तीनों की बर्बादी होती है। जिला बनने पर राजस्व, न्यायिक, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और कल्याणकारी विभागों की शाखाएं स्थानीय स्तर पर स्थापित हो सकेंगी। इससे फैसलों की गति बढ़ेगी, योजनाओं की मॉनिटरिंग बेहतर होगी और शासन की पहुंच सीधे गांव-गांव तक होगी। नवगछिया जिला बनने से गोपालपुर, रंगरा, इस्माइलपुर, खरीक, बिहपुर, नारायणपुर और ढोलबज्जा के लाखों लोगों को भागलपुर जाने की दूरी और खर्च दोनों में कमी आएगी।

ढोलबज्जा को प्रखंड बनाने की 30 वर्ष पुरानी मांग

गोपालपुर विधानसभा का सीमावर्ती क्षेत्र ढोलबज्जा पंचायत भी लंबे समय से प्रखंड बनने की मांग कर रहा है। पूर्णिया, मधेपुरा और भागलपुर की सीमाओं से सटा यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन आज भी सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक सुविधाओं के अभाव में पिछड़ा हुआ है। किसी भी सरकारी कार्य या प्रमाणपत्र के लिए ग्रामीणों को नवगछिया प्रखंड तक जाना पड़ता है, जो कई किलोमीटर दूर है। इससे ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों खर्च होता है और विकास कार्यों की गति धीमी पड़ जाती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब खरीक को प्रखंड बनाया गया था, उस समय कई मानकों पर ढोलबज्जा उससे आगे था, फिर भी यह क्षेत्र उपेक्षित रह गया। अब जबकि नए विधायक को जनता ने भारी समर्थन दिया है, लोगों को उम्मीद है कि ढोलबज्जा को प्रखंड बनाने की दिशा में ठोस पहल होगी और लंबित प्रक्रिया तेज की जाएगी।

क्षेत्रीय विकास के नए आयाम खुलने की उम्मीद

यदि नवगछिया को पूर्ण जिला और ढोलबज्जा को प्रखंड का दर्जा मिलता है, तो प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, स्थानीय समस्याओं का तत्काल समाधान होगा और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ तेजी से आम जनता तक पहुंचेगा। अब सबकी निगाहें विधायक पर टिकी हैं कि वे इन महत्वपूर्ण मांगों को किस तरह आगे बढ़ाते हैं और विकास की राह को कितना सुगम बनाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *