मुजफ्फरपुर में फर्स्ट बिहार की खबर का बड़ा असर हुआ है। सड़क हादसे में मृत शख्स के शव को तीन पुलिस जवानों ने पुल से नीचे नहर में फेंक दिया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे। मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस ने पहले तो दलील दी थी कि शव के हिस्सों को नहर में प्रवाहित किया गया है लेकिन जब पुलिस की इस दलील पर सवाल उठने लगे तो एक घंटे के भीतर ही तीनों जवानों को दोषी करार देते हुए उनके खिलाफ एक्शन ले लिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल पुलिस की संवेदनहीनता के वीडियो की जांच के बाद मुजफ्फरपुर एसएसपी ने पुल से शव को नहर में फेंकने वाले तीनों पुलिस जवानों के खिलाफ एक्शन लिया है। एसएसपी ने जांच में प्रथम दृष्टया तीनों जवानों को दोषी मानते हुए जहां एक चालक सिपाही को सस्पेंड कर दिया है तो वहीं दो अन्य होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी से क्लोज कर उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।
दरअसल, मुजफ्फरपुर में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में पुलिस के तीन जवान सड़क हादसे में मौत के शिकार हुए शख्स के शव को अस्पताल पहुंचाने के बजाए उसे घसीट कर पुल से नीचे नहर में फेंकते नजर आ रहे हैं। इस दौरान वहां मौजूद किसी शख्स ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो खूब वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो फकूली ओपी क्षेत्र के ढोढी नहर पुल का बताया जा रहा है। मुजफ्फरपुर पुलिस की मानवता शर्मनाक करतूत सामने आने के बाद जिले में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है और लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। शव को नहर में फेंकने के कारण मृतक की पहचान तक नहीं हो सकी है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने जो दलील दी है, उसपर भी सवाल उठाए जा रहे थे।
मुजफ्फरपुर एसएसपी कार्यालय की तरफ से पहले कहा गया है कि 8 अक्टूबर को फकुली ओपी अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही ओपी प्रभारी तत्काल मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर उसके सुरक्षित हिस्से को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने दलील दी है कि हादसे के बाद शव के बुरी तरह से चिपके हुए हिस्से, कपड़े आदि को पास के नहर में प्रवाहित किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की जांच कराई जा रही है और सत्यता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की इस दलील पर जब सवाल उठने लगा तो एक घंटे के भीतर ही एसएसपी ऑफिस ने मीडिया को जानकारी दी कि तीनों पुलिस जवान दोषी पाए गए हैं और उनके खिलाफ एक्शन हुआ है।