भारत माता ने एक और वीर सपूत को खो दिया। नवगछिया अनुमंडल के इस्माइलपुर प्रखंड के भीट्ठा गांव निवासी और भारतीय सेना के हवलदार संतोष यादव जम्मू में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। यह हृदयविदारक घटना मंगलवार की सुबह उस समय हुई, जब सेना द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान उन्हें दुश्मनों की गोली लग गई। गंभीर रूप से घायल होने के बाद कुछ ही क्षणों में उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

उनके शहीद होने की खबर जब गांव और क्षेत्र में पहुंची, तो पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। हर आंख नम हो गई, हर चेहरा गमगीन और हर दिल संतोष यादव की बहादुरी पर गर्व से भर उठा। भीट्ठा गांव का यह वीर सपूत बचपन से ही राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पित था। कठिन परिश्रम और निष्ठा से उन्होंने सेना में अपनी पहचान बनाई और आज देश की रक्षा करते हुए उन्होंने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।

शहीद संतोष यादव केवल भीट्ठा गांव ही नहीं, बल्कि पूरे नवगछिया और बिहार के गौरव हैं। उन्होंने दिखा दिया कि भारत माता की रक्षा के लिए हमारे सपूत हर समय तत्पर हैं और जरूरत पड़ने पर अपनी जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटते। उनका यह बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।

संतोष यादव की वीरगाथा आने वाली पीढ़ियों को साहस, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाएगी। उनके परिवार पर यह गहरा आघात है, लेकिन पूरे राष्ट्र को उन पर गर्व है। शहीद के परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। ईश्वर उन्हें इस कठिन समय में धैर्य और शक्ति प्रदान करें।

आज पूरा देश इस वीर सपूत को श्रद्धासुमन अर्पित करता है। हम सभी उनका ऋणी हैं और उनकी शहादत को कभी नहीं भूलेंगे। देश की मिट्टी में ऐसे ही शूरवीरों का लहू मिलकर आज़ादी और सुरक्षा की नींव मजबूत करता है।

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