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भागलपुर जिले के नारायणपुर प्रखंड के विभिन्न इलाकों में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक छाया हुआ है। बीते 24 घंटों में आधे दर्जन से अधिक लोगों को आवारा कुत्तों ने काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। घायल लोगों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नारायणपुर में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक व्यक्ति की स्थिति गंभीर होने पर उसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मायागंज स्थित जेएलएन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (JLNMC\&H) रेफर किया गया है।
इस घटना ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अब जब बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इन कुत्तों का शिकार बन रहे हैं, तो आम जनता अपने घर से बाहर निकलने से भी डरने लगी है।
**गंभीर रूप से घायल ऋषभ कुमार का मामला**
सबसे चिंताजनक मामला नारायणपुर प्रखंड के चकरामी गांव से सामने आया है, जहां आठ वर्षीय ऋषभ कुमार, जो रूपेश कुमार का पुत्र है, को आवारा कुत्ते ने बुरी तरह से काट लिया। घटना उस समय हुई जब ऋषभ अपने घर के पास खेल रहा था। अचानक एक पागल कुत्ता आया और उसे बुरी तरह से काट लिया। परिवार के लोग तुरंत उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ. विपिन कुमार ने उसे मायागंज भागलपुर स्थित जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया।
**अन्य पीड़ितों की सूची**
चकरामी के अलावा नारायणपुर प्रखंड के अन्य गांवों में भी आवारा कुत्तों ने लोगों को निशाना बनाया। मनोहरपुर गांव के सार्थक कुमार, रायपुर के उत्तम कुमार, नगरपारा के भोला कुमार, भवानीपुर के विष्णु कुमार और आशाटोल के वकील शर्मा को भी कुत्तों ने काटकर जख्मी कर दिया। ये सभी लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे, जब अचानक आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया।
घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर में प्राथमिक उपचार दिया गया। डॉ. विपिन कुमार ने बताया कि सभी घायलों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन और अन्य आवश्यक दवाएं दी गई हैं। जरूरत पड़ने पर आगे का इलाज भागलपुर में कराया जाएगा।
**इलाके में दहशत का माहौल**
लगातार हो रही कुत्तों की हमलों की घटनाओं से स्थानीय लोगों में भारी दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। महिलाएं बाजार या खेत नहीं जा पा रही हैं। लोग स्थानीय प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे हैं।
**स्थानीय प्रशासन से शिकायत और मांग**
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। कई ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब जब इतने लोग घायल हो चुके हैं, तब जाकर कुछ हलचल नजर आ रही है। अगर समय रहते इन कुत्तों पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
**पीएचसी नारायणपुर की स्थिति और सलाह**
इस विषय पर जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में कुत्ते के काटने से जुड़े मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में प्रतिदिन तीन से चार मरीज इसी कारण आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुत्ता काटने के इलाज हेतु पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन मौजूद हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे झोला छाप डॉक्टरों या निजी अस्पतालों के चक्कर में न पड़ें। सरकारी अस्पताल में सभी आवश्यक दवाइयां और इंजेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध हैं। यदि समय रहते सही इलाज मिल जाए, तो कुत्ता काटने से होने वाले गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
**जनता की चिंता और सुझाव**
स्थानीय निवासी रामाश्रय यादव ने कहा, “अब तो ऐसा लग रहा है कि घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस पर एक्शन लेना चाहिए। बच्चों को स्कूल भेजने में डर लगता है। ये कुत्ते कहीं भी, कभी भी हमला कर देते हैं।”
वहीं, पंचायत सदस्य अनीता देवी ने कहा कि पंचायत स्तर पर इस विषय को प्रमुखता से उठाया जाएगा और प्रखंड कार्यालय से कार्रवाई की मांग की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस समस्या का स्थायी समाधान तभी संभव है जब पंचायत, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करें।
**निष्कर्ष**
नारायणपुर प्रखंड में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या अब एक गंभीर जनस्वास्थ्य और सुरक्षा का मुद्दा बन चुकी है। यदि प्रशासन समय रहते इस पर उचित कदम नहीं उठाता है, तो आने वाले समय में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न केवल कुत्तों को पकड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए, बल्कि लोगों में भी इस बारे में जागरूकता फैलानी होगी कि कुत्ता काटने के बाद क्या करना चाहिए और कहां इलाज उपलब्ध है।
आवारा कुत्तों की समस्या से जूझ रहे नारायणपुर के ग्रामीण अब सिर्फ एक ही अपील कर रहे हैं—“हमें सुरक्षा चाहिए, इससे पहले कि किसी की जान जाए।”
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