बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के बड़कागांव में लगातार हो रही चोरी की वारदातों ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोग अब रात में पहरा देने को मजबूर हैं, लेकिन चोरों ने अब दिन में ही धावा बोलना शुरू कर दिया है। ताजा मामला सोमवार का है, जब दिनदहाड़े चोरों ने रामायण सिंह के घर से लाखों रुपये के सामान चुरा लिए। 

चोरी की यह वारदात उस समय हुई जब रामायण सिंह अपनी पत्नी को ड्यूटी पर छोड़ने मोतिहारी गए थे और उनकी बेटी पढ़ाई के लिए पकड़ीदयाल चली गई थी। घर खाली देख चोरों ने पीछे की खपरैल से चढ़कर घर में प्रवेश किया और ताले तोड़कर कीमती सामान लेकर फरार हो गए। जब रामायण सिंह की बेटी वापस लौटी, तो घर का सारा सामान बिखरा हुआ मिला। उसने तुरंत इसकी सूचना दी।

सबसे हैरानी की बात ये है कि यह घर उस जगह से मात्र 10 कदम की दूरी पर है, जहां पुलिस कैंप कर रही है। इसके बावजूद चोरों ने घटना को अंजाम देकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इससे पहले 2 अप्रैल को भी ऐसी ही एक घटना में राजीव झा के घर से दिनदहाड़े 10 लाख रुपये नकद और जेवरात चोरी हुए थे। उस वक्त एसपी स्वर्ण प्रभात खुद गांव पहुंचे थे और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया था, लेकिन ताजा घटना ने फिर पुलिस की तैयारियों की पोल खोल दी है।

इतना ही नहीं, इस बार चोरों ने पुलिस को एक ‘लव लेटर’ भी लिखकर खुली चुनौती दे डाली। चिट्ठी में लिखा था, “लव यू पुलिस मामा, आपसे तेज हैं। 10 घर में चोरी करना है, 8 में कर लिया है, 2 बाकी है। देखने में गरीब लगता है, लेकिन माल पूरा मिला। विजय सिंह से थोड़ा कम।” यह पत्र पुलिस के लिए एक सीधी और तीखी चुनौती मानी जा रही है।

गांव में डर और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद चोर खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही है। लोगों ने अब दिन में भी अपने घरों के दरवाजों पर ताले लगाना शुरू कर दिया है। 

22 मार्च से अब तक कई चोरियां हो चुकी हैं, लेकिन अब तक न तो कोई गिरफ्तारी हुई है और न ही कोई ठोस कार्रवाई। ग्रामीणों का विश्वास अब टूटने लगा है और उनका कहना है कि चोर पुलिस से दो कदम आगे हैं, जबकि पुलिस सिर्फ तमाशबीन बनी हुई है।

गांववाले चाहते हैं कि प्रशासन सख्त कदम उठाए, ताकि उनका खोया हुआ भरोसा वापस लौट सके और वे चैन की नींद सो सकें।

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